सीवान : गुठनी में कागजों पर चलते हैं डाकघर, कर्मियों की मौत के बाद से आधा दर्जन से अधिक डाकघरों में लगे ताले
सीवान के गुठनी प्रखंड क्षेत्र में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना डाक विभाग पूरी तरह दम तोड़ चुकी है. इसके आठ डाकघरों में विगत पांच वर्षो से ताला लटक रहा है. बावजूद विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से आम आदमी पूरी तरह विवश और बौना साबित हो रहे हैं.
प्रखंड में सुदूर इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग की व्यवस्था से ग्रामीण काफी परेशान हैं. उनका कहना था कि विगत कुछ सालों से डाक विभाग का महत्व धीरे-धीरे कम होता गया है. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, उप डाकघर के 8 मुख्य डाकघर हैं. जिनमें बलुआ, चिताखाल, डुमरहर, भलुआ, चकरी, श्रीकरपुर, टड़वा, और तेनुआ शामिल हैं. जहां विभागीय कुव्यवस्था से डाक विभाग बन्द होने के कगार पर है.
आधा दर्जन जगहों पर कर्मियों की नही हुई है नियुक्ति :
प्रखंड के डाकघरों की बदतर स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विगत कुछ सालों से यहां पर कर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई है. यह पद उनकी मृत्यु से खाली हो चुका है. जिसको विभाग द्वारा आज तक नहीं भरा जा सका है. जिसका खामियाजा इस क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. मिली जानकारी के अनुसार बलुआ, चिताखाल, डुमरहर, चकरी, तेनुआ, श्रीकरपुर, टड़वा में पोस्टमास्टर का पद खाली पड़ा है. जहां नियुक्ति नही होने से डाकघरों में ताला लगा रहता है.
कागजों पर चलने के लिए विवश है डाकघर :
प्रखण्ड के अधिकतर डाकघरों की स्थिति पूरी तरह बदहाल हो गई है. जिनमे बलुआ डाकघर मुख्य रूप से शामिल हैं. यहां के पोस्टमास्टर दीनानाथ गुप्ता के रिटायर्ड होने के बाद किसी की नियुक्ति नही की गई. लिहाजा डाक विभाग में होने वाले रजिस्ट्री, मनीआर्डर, डाक टिकट, पोस्टल ऑर्डर, किसान पत्र का काम पूरी तरह ठप हो गया. यह एक डाकिए के भरोसे पूरे पंचायत का काम चलता है.
क्या कहते हैं डाकधीक्षक :
इस संबंध में डाकधीक्षक आलोक कुमार का कहना है कि खाली जगहों पर विभाग द्वारा जल्द हीं नियुक्ति की जाएगी. जिससे डाक विभाग का काम सुचारू रूप से चलता रहे. (समरेंद्र ओझा की रिपोर्ट).
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