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सीवान : गुठनी में ग्रामीणों को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नही मिल रहा लाभ

सीवान में गुठनी प्रखण्ड मुख्यालय के ग्रामीण इलाकों में चार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं, बावजूद इसके ग्रामीणों को स्वास्थ्य केंद्रों का लाभ पूरी तरह से नही मिल पाता है.

बता दें कि इन सभी एपीएचसी केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति तो की गई है, लेकिन अधिकतर डॉक्टरों को पीएचसी और मैरवा रेफरल अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर दिया गया हैं. इनमे एक एमबीबीएस और एक आयुष डॉक्टर शामिल है. वहीं हेल्थ मैनेजर शाहिद अली के अनुसार जतौर और चिताखाल में बने एपीएचसी में डॉक्टर, एएनएम, और आशा की नियुक्ति की गई है. यहां मिलने वाले सुविधाओं को भी आने वाले मरीजों को दिया जाता है. हालांकि इन दोनों एपीएचसी पर प्रसव, महिलाओं का जांच, ब्लड टेस्ट, इमरजेंसी सेवा की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

14 केंद्रों के पास नही है अपना विभागीय बिल्डिंग

राज्य सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर खोखले वादे कर रही हो. लेकिन उसका जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रहा है प्रखंड में 14 स्वास्थ्य उप केंद्रों के पास अपनी निजी बिल्डिंग नहीं है, जिनमें बलुआ, बरपलिया, बौड़ी, जतौर, बकुलारी, बेलौरी, भगवानपुर, डरैला, गडेरिया, ताली, श्रीकरपुर, सोनहुला, मिश्रौली, मैरिटार शामिल है. जिससे वह आज भी किराए के मकान में चलने के लिए विवश है. उनमें भी कई बिल्डिंग जर्जर स्थिति में है और केंद्रों पर जगह न रहने और साफ-सफाई का भी अभाव है.

केंद्रों का आधुनिकीकरण ना होने से नही मिलती सुविधा

प्रखण्ड मुख्यालय में स्थापित करीब एक दर्जन अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर व्यवस्था न रहने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो का इसका लाभ नही मिल पाता है. वहीं इन केंद्रों पर एएनएम, आशा कार्यकर्ता और डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. लेकिन, वहां सिर्फ टीकाकरण अभियान चलाकर इसकी खानापूर्ति किया जाता है.

क्या कहते हैं एमओआईसी

इस संबंध में एमओआईसी शब्बीर अख्तर ने बताया कि इसकी सूचना कई बार सीएस ऑफिस को भेजी गई है. बावजूद अभी तक कोई लिखित सूचना नहीं मिली है, हालांकि हम उसे बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. (समरेंद्र कुमार ओझा की रिपोर्ट).

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