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सीवान : गुठनी के सरयू नदी में लगातार हो रहे कटाव से बढ़ा बाढ़ का खतरा, ग्यासपुर और खड़ौली समेत दर्जन भर गांव ग्रामीण चिंतित

सीवान/गुठनी || राज्य सरकार हर साल बाढ़ के बचाव और उससे जुड़े कार्य को लेकर तमाम जुगत करती है, लेकिन उस की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव पर हर साल बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है. वही इन गांव के किसानों के फसलों को भारी नुकसान हो जाता है. प्रखंड के बलुआ, तीरबलुआ, ग्यासपुर, खडौली, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, गोहरुआ, बिहारी, योगियाड़ीह गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है.

ग्रामीणों की माने तो हर साल खेती योग्य भूमि को भी भारी नुकसान होता है. इनमें दियारा इलाके से सटे कृषि योग्य भूमि सरयू नदी के तेज धार में बह जाता है. हालांकि ग्रामीणों ने इसकी कई बार शिकायत सांसद, विधायक, प्रमुख, मुखिया, डीएम, एडीएम, एसडीओ, बीडीओ व सीओ को लिखित रूप से दिया. ग्रामीणों का कहना था कि लिखित शिकायत के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

तिरबलुआ गांव के समीप कटाव निरोधी कार्य पूरा

प्रखंड के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित गांव में से एक तीरबलुआ गांव पर हर साल बाढ़ के समय नामों निशान मिटने का खतरा मंडराता रहता है. हालांकि युवाओं के जागरूक होने के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल गांव के समीप 300 मीटर से अधिक कटाव निरोधी कार्य को करने का निर्देश दिया. ग्रामीणों का कहना था कि सरयू नदी के तेज धार से गांव के अधिकतर झोपड़ी, पक्के मकान, शौचायल, जमीन बाढ़ के पानी वह जाते थे. वहीं गांव बाढ़ के पानी में टापू में तब्दील हो जाता है. राज्य सरकार के कड़े निर्देश के बाद गांव को बाढ़ से सुरक्षित रखने का विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. तीरबलुआ गांव के युवाओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में इस मामले को उठाया गया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव, आपदा सचिव, गृह सचिव, डीएम, एडीएम, एसडीओ, बाढ़ विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर, बाढ़ विभाग के एसडीओ को त्वरित कार्य करने का निर्देश दिया था.

सरयू नदी पर बांध बनाके रोका जा सकता है नुकसान

सरयू नदी में हर साल आने वाले बाढ़ से होने वाले नुकसान से परेशान ग्रामीणो ने नदी के सटे बांध बनाने की मांग की है. ग्रामीणो का कहना है कि हर साल हम लोगो को नुकसान उठाना पड़ता है. अगर सरकार सरयू नदी पर बांध बनाये तो इससे करीब एक दर्जन से अधिक गांव को सीधा फायदा होगा. बाढ़ विभाग के वरीय अधिकारियों के समक्ष लोगो ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए बताया कि जुलाई से लेकर अक्टूबर महीने तक नदी में पानी बढ़ता व घटता रहता है, जिससे हम लोगों को खेती व मछली पालन करने में काफी नुकसान होता है. लोगों ने बाढ़ बिभाग की टीम को बताया कि योगियाडीह से लेकर खड़ौली तक लगभग तीन किलोमीटर बांध बनाया जाए तो इससे गुठनी, गोहरुआ, श्रीकरपुर, योगियाडीह, तिरबलुआ, बलुआ, ग्यासपुर, खड़ौली सहित कई अन्य गांव बाढ़ से तबाह नही होंगे.

क्या कहते कहते जेई

इस संबंध में बाढ़ विभाग के जेई रजनीश कुमार रवि का कहना है की बाढ़ से पूर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जहां कही पर नए कटाव हो रहे हैं. उनको रोकने के लिए पूरी ताकत के साथ टीम काम कर रही हैं, हम लगातार नजर रखे हुए हैं. (समरेंद्र कुमार ओझा की रिपोर्ट).

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