सीवान : स्कूल भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मज़बूर हैं छात्र
सीवान में महाराजगंज अनुमंडल के दरौंदा प्रखंड स्थित हड़सर पंचायत अंतर्गत मीराचक गांव में संचालित नया प्राथमिक विद्यालय मीराचक में आज भी भवन के अभाव में छात्र-छात्राएं खुलें आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं, जिस कारण विद्यार्थियों को पठन-पाठन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं.
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विद्यालय के छात्र-छात्राएं चिलचिलाती धूप, ठण्डी हवा और बरसात में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. यहां बच्चें खुले आसमान के नीचे पेड़ की छाव में बैठ कर पढ़ाई करते हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्कूल कैम्पस में सिर्फ एक रसोइया घर है, जिसमे मिड डे के अतिरिक्त स्कूल से जुड़ी पठन-पाठन की सामग्री रखी जाती है, इस स्कूल में लगभग 45 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है और कुल चार शिक्षक हैं जो पढ़ाते हैं.
स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना कुमारी ने बताया कि यहां एमडीएम बिल्कुल मेनू के अनुसार बनाया जाता है. वर्ग एक से पांच तक संचालित इस स्कूल की दूरदशा को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में बहुत मायूसी है. वे कहते हैं कि इस बात को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, मगर आज तक उनकी बात पर ध्यान नही दिया गया है. इसके अलावा स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना कुमारी भी अपने स्तर से स्कुल के भवन के लिए वरीय पदाधिकारियों से भी मिल कर बता चुकी हैं. 2005 ई में स्थापित यह स्कूल 18 साल बीतने बाद भी विभागीय उदासीनता के कारण आजतक भवनहीन है, जबकि स्कूल की स्थापना के 8 साल बाद 2013 में केवल रसोइया घर सह भंडार घर ही बना. किन्तु उसके साथ स्कूल की बाउंड्री तक हो गई लेकिन उसके एक दशक बाद भी बच्चों के पढ़ने लिए क्लास रूम तक नही बन पाया. अफसोस इस बात का है कि स्कूल का अपना जमीन उपलब्ध होने के बाद भी यहां भवन नही बन सका है, जबकि बिहार सरकार शिक्षा के प्रति कृतसंकल्प है. अब देखना होगा कि इस स्कूल का भाग्य कब खुलता है. (समरेंद्र कुमार ओझा की रिपोर्ट).
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