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नालंदा : राजगीर जू-सफारी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन

नालंदा में 176 करोड़ से निर्मित राजगीर जू-सफारी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन किया गया. 176 करोड़ की लागत से बने यह सफारी 191.2 हेक्टेयर में फैला है. यह सफारी राजगीर के पर्यटन स्थल में एक और नया आयाम जोड़ेगी.

बता दें कि इसके कैम्पस के दो भवनों में रोमांच से भरपूर इंटरप्रिटेशन सेंटर, म्यूजियम, बटरफ्लाई पार्क, एम्फीथियेटर, बर्ड एवियरी, ऑडिटोरियम, ओरिएंटल सेंटर बनाये गये हैं. जबकि, जंगली क्षेत्र के खुले भाग में दहाड़ मारते बाघ, शेर, चीता, भालू, बार्किंग डियर व अन्य खुंखार वन्यजीव होंगे. इन नजारों को देखने के लिए सैलानी के लिए बख्तरबंद गाड़ी का इंतजाम किया गया है. इसी बख्तरबंद गाड़ी में बैठकर लोग यहां के जानवर का नजारा देख सकेगें. खूंखार जानवरों के विचरण स्थलों के बीच-बीच में कई वॉच टॉवर लगाये गये हैं. इससे पूरी सफारी की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. साथ ही, सैलानी इसपर चढ़कर दो किलोमीटर दूरी की चीजों को स्पष्ट दिखाने वाली टेलीस्कोप की मदद से बाघ, शेर, चीता, भालू व अन्य जीवों के क्रियाकलाप को देख सकेंगे.

पांच प्रकार की सफारियां :

112.80 हेक्टेयर में पांच वन्यजीवों बिअर, लियोपार्ड, टाइगर, लॉयन व हर्बीवोर सफारियां हैं. 7.87 हेक्टेयर में रिसेप्शन एंड ओरिएंटेशन जोन, 2.32 हेक्टेयर में पार्किंग, 3.13 में एवियरी एंड बटर फ्लाई जोन, 4.0 में मैनेजमेंट जोन, 61 हेक्टेयर में ग्रीन जोन होगा. स्काई जोन में पैगोडा, वाच टॉवर, नेचर कैम्प व वाकिंग ट्रेल होगा. सफारी निर्माण की स्वीकृति सरकार ने 6 अगस्त 2015 को दी थी.

राजगीर जू-सफारी में ये वन्यजीव हैं :

सांभर : 08
हॉग डियर : 08
भौंकने वाला हिरण : 08
ब्लैक बक : 04
तेंदुआ : 02
भालू : 02
बाघ : 02
शेर : 06

वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह ज़ू-सफारी पूर्वोत्तर भारत का पहला सबसे आधुनिक ज़ू-सफारी है. इसमें पांच वन्यजीवों के अलावा तितली घर का भी निर्माण किया गया है. इसे स्वर्णगिरि व वैभरगिरि के बीच बनाया है. यहां आने वाले पर्यटक नेचर सफारी के बाद ज़ू सफारी का भी आंनद उठा सकेगें. साथ ही यहां घोड़ा कटोरा व विश्वशांति स्तूप जैसे कई ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन कर सकते है. यहां के पंच पहाड़ियों के बीच आने से मन को अलग शांति मिलती है. यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, बौद्ध, जैन समेत अन्य धर्मों के लोग भारत से ही नहीं बल्कि कई देशों से भ्रमण करने आते है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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