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कैमूर : निजी क्लिनिक में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

कैमूर से बड़ी खबर है, जहां एक निजी क्लीनिक में प्रसव के लिए गयी महिला की गलत तरीके से इलाज के कारण मौत हो गयी. घटना भभुआ थाना क्षेत्र के पटेल चौक स्थित पंचशील अस्पताल की है.

दरअसल कलावती देवी भभुआ वार्ड संख्या 21 की निवासी को दो जुलाई शुक्रवार की रात करीब 7 बजे प्रसव पीड़ा होने के बाद सदर अस्पताल भभुआ में लाया गया. वहां रिपोर्ट देखकर बताया गया कि नार्मल डिलेवरी नहीं हो पाएगी, ऑपरेशन से डिलेवरी होगा. वहीं अस्पताल में मौजूद एक आशा ने कहा हमारा एक निजी अस्पताल है जहां सस्ते में नार्मल डिलेवरी हो जायेगा. आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है. जिसके बाद महिला को शुक्रवार 2 जुलाई को ही देर रात पंचशील अस्पताल, पटेल चौक भभुआ लाया गया. अगले दिन 3 जुलाई शनिवार को सुबह आठ बजे के करीब मरीज का पंचशील अस्पताल में झोला छाप डाक्टरों द्वारा जबरन नार्मल डिलेवरी किया गया. जिसमे बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ लेकिन जच्चा की हालत गंभीर हो गई और पेट फूलने लगा. अस्पताल द्वारा 20 हजार रुपया जमा कराया गया और देर शाम मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया. प्रिजनक ने अस्पताल से बार-बार कहा मरीज की हालत सही नहीं है, बीपी हाई है. उसके बाद भी उन्होंने डिस्चार्ज कर दिया. वहीं घर आने पर महिला की हालत और बिगड़ने लगा तभी आनन-फानन में उसे दुबारा पंचशील अस्पताल लाया गया. जहां उन्होंने ने कहा बेहतर ईलाज के लिए आप चंदौली के एक निजी अस्पताल में चले जाइए. देर रात परिजन मरीज को लेकर चंदौली के एक निजी अस्पताल में गए. बहुत मान मनवोल करने के बाद मरीज को एडमिट किया गया, लेकिन दो से तीन घंटे बाद हमारी मरीज कलावती देवी का देहांत हो गया.

परिजनों ने आरोप लगाया है कि पंचशील अस्पताल की लापरवाही और झोला छाप डाक्टरों की वजह से हमारी मरीज का अधिक ब्लीडिंग हुआ और पेट फूलने लगा और ब्लड प्रेशर हाई हो गया. जिससे मरीज की जान चली गई. जिसको लेकर हमलोग भभुआ थाना में एक आवेदन भी दिया है. और हम अस्पताल के लापरवाही के कारण हम मुआवजे की मांग करते हैं. हमलोग गरीब लोग हैं अस्पताल ने बेड,दवा गाड़ी के नाम पर हमसे 50 हजार से अधिक रुपया वसूल लिया है.

वहीं मामले में भभुआ सदर थाना से पूछताछ करने पर भभुआ सदर थाना के मुंशी ने बताया कि मामले को लेकर जांच चल रही है. ज्यादा जानकारी बड़ा बाबू द्वारा दिया जाएगा. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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