कैमूर : भभूआ में एमडीए अभियान के तहत मंडल कारा के कैदियों को खिलाई गयी फाइलेरिया की दवा
कैमूर में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सर्वजन दवा सेवन यानि एमडीए कार्यक्रम का दूसरा चरण संचालन किया जा रहा है. जिसमें जिले के 19.48 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जानी है. इसी के तहत शुक्रवार को भभूआ मंडल कारा के बंदियों सहित जेल में कार्यरत पदाधिकारी व कर्मचारियों को अल्बेंडाजोल तथा डीईसी की गोलियां खिलाई गयी.
कार्यक्रम की शुरुआत जेल अधीक्षक मनोज कुमार द्वारा जेल बंदियों को अल्बेंडाजोल तथा डीईसी दवा खिला कर की गई. कार्यक्रम में जेल चिकित्सक पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, जेल परिधापक रिंकि कुमारी, जिला स्वास्थ्य विभाग के फाइलेरिय इंस्पेक्टर रोहित कुमार , पी सी आई के जिला कोर्डिनेटोर अंजनी मिश्रा और जेल जेल परिसर के सभी कर्मचारी और बंदी उपस्थित थे. इस संबंध में गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाओं के महानिरीक्षक मिथिलेश मिश्र द्वारा केंद्रीय कारा, मंडल कारा तथा बक्सर के उपकारा के काराधीक्षकों को पहले ही पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिया जा चुका है. जिसके तहत भभुआ मंडल कारा के 920 कैदियों को दवा खिलाई गयी.
अंजनी मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत मंडल कारा के 920 कैदियों को दवा सेवन कराया गया है. कैदिया को मंडल कारा के चिकित्सक डॉ संजय और जेल अधीक्षक के देख रेख में दवा का सेवन कराया जा रहा है. साथ ही मंडल कारा के 51 कर्मचारियों को भी फाइलेरिया की दवा खिलाई गयी है. जेल परिसर के सभी लोगों के दवा सेवन कर लेने से कारा मण्डल के शत प्रतिशत कैदियों को दवा का सेवन करवाना सुनिश्चित हो चुका है. वहीं कारा अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित रोग है,घर के आस-पास जल जमाव वाले क्षेत्र व गंदे स्थानों पर पनपने वाले कई मच्छर कई गंभीर रोग के कारक होते हैं. इसलिये हमें आसपास के माहौल को हमेशा स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने का प्रयास करना चाहिये. इससे हमें अपने परिवार के साथ-साथ समाज के कई अन्य लोगों को भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बचा सकते हैं. रोग की गंभीरता से अवगत होने के बाद कैदियों में दवा सेवन के प्रति उत्साह देखा गया कतारबद्ध होकर वे दवा का सेवन के लिये अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये. जिला फाइलेरिया कोनसेलटेंट की रोहित कुमार ने कार्यक्रम के दौरान कैदियों को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा फाइलेरिया रोग के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया गया तथा रोग के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर कष्टकारी रोग है फाइलेरिया की वजह से हाथी पांव होने की स्थिति में इसका कोई इलाज नहीं है. संक्रमण के खतरों से बचाव के लिये सरकार द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है इस साल 20 सितंबर से जिले में इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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