कैमूर : चैनपुर बिस्कोमान के सहायक प्रबंधक की हत्या मामले में जांच की प्रगति नही होने पर एसपी को शिकायत करने पहुंचे परिजन, नहीं मिले एसपी
कैमूर में बिस्कोमान के सहायक गोदाम प्रबंधक सागर आनंद पांडेय की मौत मामले में चैनपुर पुलिस की कारवाई से असंतुष्ट परिजन तीसरी बार झारखण्ड से न्याय की गुहार लगाने कैमूर पहुंचे. जहां काफी इंतज़ार के बाद आरक्षी अधीक्षक से मुलाक़ात नही हो पाई.
परिजनों ने मीडिया को बताया कि पुत्र की हत्या व दाह संस्कार के बाद तीसरी बार कैमूर आकर न्याय तथा पुत्र के हत्यारो की गिरफ्तारी की गुहार लगाया आया हूं. अभी तक पुलिसिया चाल से असंतुष्ट दिख रहा हूं. उन्होंने बताया कि अब तक क्या जांच प्रगति है इसकी भी जानकरी नही दी जा रही है. धनबाद जिला के झरिया स्थित सब्जी पट्टी गांव के रहने वाले सुजीत पांडेय ने बताया कि उनका बेटा बिस्कोमान भवन के अधीनस्थ भुवालपुर गांव स्थित सहायक गोदाम प्रबंधक के पद पर कार्यरत था. घटना के बारे में उन्होंने बताया कि सागर आनंद जगरिया गांव के चंदा कुमार के मकान में किराए पर रहता था. घटना के दिन बिस्कोमान भवन से उन्हें सूचना दी गई कि उनके बेटे का शव कमरे में पड़ा हुआ है. सूचना मिलने के तुरंत बाद वह अपने गांव से चल दिए और देर रात चैनपुर थाना पहुंचे. शव को देखा तो उन्हें साफ साफ नजर आ रहा था कि उनके बेटे की गला दबाकर हत्या की गई है. इस आधार पर उन्होंने अपने बयान में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध चैनपुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उस समय पुलिस आत्महत्या का मामला बता रही थी. एक माह से अधिक का समय बीत गया, लेकिन अभी तक पुलिसिया कारवाई में कोई भी प्रगति नही दिख रही है. उन्होंने पुत्र के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की.
विदित हो कि बीते जनवरी महीना के 12 तारीख को चैनपुर थाना के भुआलपुर स्थित चन्दा देवी के मकान में बिस्कोमान के सहायक प्रबन्धक का शव घर के भीतर पड़ा मिला था. प्रथम दृष्टया में वह मामला आत्महत्या का दिख रहा था. लेकिन, सूचना पर पहुंचे पिता ने चैंपुर थाना में पुत्र की हत्या की आशंका बताते हुए अज्ञात लोगों के विरुद्ध एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्रबंधक का मृत शरीर जमीन पर औंधे मुंह पड़ा था. पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए अनुसंधान करने की बात कही थी. भभुआ एसडीपीओ सुनीता कुमारी उस दिन घटनास्थल पर पहुंचकर जांच भी की. लेकिन, मामले में अभी तक कोई प्रगति नही होने पर परिजन तीसरी बार झारखण्ड से कैमूर पहुंचे. इस बीच आरक्षी अधीक्षक से मिलने की कोशिश की. समाचार प्रेषण तक परिजनों की मुलाक़ात आरक्षी अधीक्षक से नही हो सकी थी. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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