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कैमूर : एसीएमओ एवं डीसीडीओ ने रेडक्रास के निक्षय मित्रों को दिया राष्ट्रीय प्रमाण-पत्र

कैमूर के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्य स्वरुप एवं जिला संक्रामक रोग पदाधिकारी डॉ रवीन्द्र चौधरी ने निक्षय-मित्र योजना के अंतर्गत लगातार छः महीनों तक गरीब टीबी मरीजों को नि:शुल्क पोषण सामग्री प्रदान करने वाले रेडक्रास के सदस्यों को राष्ट्रीय प्रमाण पत्र प्रदान किया.

रेडक्रास भवन में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में एसीएमओ ने कहा कि निक्षय-मित्र योजना के तहत गरीब टीबी मरीजों को पोषाहार प्रदान कर उनका जीवन बचाना अत्यंत पुण्य कार्य है. उन्होंने रेडक्रास के स्वयंसेवकों की देश को टीबी मुक्त करने में उनके योगदान के लिए सराहना की तथा अधिकाधिक लोगों से इस योजना में सहभागिता की अपील की. इसके बाद रेडक्रास सोसायटी के आजीवन सदस्य एवं स्वयंसेवकों ने निक्षय-मित्र योजना के तहत 10 टीबी मरीजों को पोषाहार का वितरण किया गया. केंद्र सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही निक्षय-मित्र योजना के अंतर्गत रेडक्रॉस जिला शाखा के सदस्यों एवं स्वयंसेवकों ने इन टीबी मरीजों को गोद लिया है, जिन्हें पोषाहार की दूसरी किश्त प्रदान की गयी. इसके पूर्व योजना के अंतर्गत रेडक्रॉस के निक्षय-मित्रों द्वारा छह महीनों तक 30 टीबी मरीजों को पोषाहार प्रदान किया जा चुका है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता चेयरमैन डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह ने की एवं संचालन सचिव प्रसून कुमार मिश्र ने किया जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष रेडक्रॉस जिला शाखा सावन कुमार की. प्रेरणा से रेडक्रॉस के सदस्य निक्षय-मित्र योजना के तहत गरीब टीबी मरीजों को एक माह भर के लिए पोषण सामग्री प्रदान कर रहे हैं. वहीं आईएमए कैमूर अध्यक्ष डॉ दिनेश्वर कुमार सिंह मण्टू, रेडक्रास चेयरमैन डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह, सचिव प्रसून कुमार मिश्र, प्रबंध समिति सदस्य अनिल तिवारी, अरुण ट्रांसपोर्ट के जय नारायण सिंह, व्यवसायी रवि शंकर अग्रवाल एवं सुरेश कुमार अग्रवाल, डॉ गुलाम साबिर, डॉ आजाद अंसारी एवं डॉ हिना परवीन ने एक एक मरीज को पोषण सामग्री प्रदान की. जिसमें महीने भर के लिए गेहूं, चना, सोयाबीन दाना, दाल, मिल्क पाउडर, सरसों तेल एवं स्वच्छता किट प्रदान किया गया. रेडक्रास कोषाध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय एवं भभुआ के वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक देवेश कुमार ने वितरण में मरीजों की ससमय उपस्थिति एवं पहचान सुनिश्चित की. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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