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बेगूसराय में जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया को लेकर जारी किया विशेष अनुदेश, भ्रामक और धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वालो पर होगी सख्त कार्रवाई

नूर आलम

बेगूसराय जिले में सोशल मीडिया पर भ्रामक और धार्मिक उम्माद फैलाने वाले तथ्य को पोस्ट करने वालों की अब खैर नहीं है. इसके लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. बीते दिनों बेगूसराय जिला के विभिन्न क्षेत्रों में हुए दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प से उत्पन्न सामाजिक तनाव तथा इसके बाद असामाजिक तत्वों द्वारा उन्माद फैलाने की ताक में रहने के मद्देनजर शुक्रवार को जिला प्रशासन की गोपनीय शाखा ने सोशल मीडिया के संबंध में एक विशेष अनुदेश जारी किया है. इस बाबत डीएम और एसपी ने सयुंक्त रूप से प्रेस वार्त्ता कर कहा कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन सोशल मीडिया पर भ्रामक तथा धार्मिक उन्माद फैलाना एक जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के नाम पर बने ग्रुप और अन्य नाम से बने ग्रुप पर कई एसे तथ्य पोस्ट किए जा रहे है जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है.

आदेश जारी किया गया है कि ग्रुप एडमिन वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो, अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने चाहिए. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी करने पर पर एडमिन तत्काल उसका खंडन कर उक्त सदस्य को ग्रुप से हटाएं साथ ही इसकी सूचना पुलिस को दें. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने व पुलिस को इसकी सूचना नहीं देने पर वे दोषी माने जाऐंगे और उनके विरूद्ध आईटी एक्ट तथा भादवि की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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