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चाईबासा : चर्चित दुका पूर्ति हत्या मामले में सजा काट वनमाली खण्डैत मंगलवार को होगें रिहा

संतोष वर्मा

चाईबासा के हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के हुरदुगसाई निवासी दूका पूर्ति की हत्या करने के आरोप में सजा काट रहे वनमाली खण्डैत दो अक्तूबर को रिहा होंगे. इस बात को लेकर पत्नी टूसु गोप में खुशी का ठिकाना नहीं.

वहीं जमीन पर रेंगती विकलांग पुत्री अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखी है वहीं पिता भी अपनी छोटी बेटी का चेहरा मंगलवार को देखेंगे तो अंदाजा लगा सकते है कि जिस वक्त वनमाली खण्डैत अपने दो पुत्र को उस हाल में छोड़ कर अपने पत्नी टूसु गोप के साथ जेल चले गये थे, उन बच्चों का देखभाल कैसे हो रहा होगा. आज जब पिता जेल से रिहा होकर घर वापस लौटेगें तो उनका दोनों पुत्र को भी सिने से नहीं लगा पायेगें. क्योंकि पुत्र महती गोप व रोया गोप दो वक्त की रोटी के लिए घर छोड़ कर मजदुरी करने के लिए पलायन कर चुके है. दुसरी ओर वनमाली खण्डैत की पत्नी टूसु गोप जेल से छुट्टी थी उस वक्त पेट मे एक बच्चा पल रहा था. जेल से निकलने के बाद टूसु गोप एक ऐसी बच्ची को जन्म दी जो जन्म से ही विकलांग पैदा हुई और आज करिब चौदह वर्ष होने जा रही है उस बच्ची को जो अपनी जिंदगी घर के अंदर जमीन पर ही रेंगती हुई दिन काट रही है.

वनमाली खण्डैत को जब जेल से रिहा होने की खबर मिली तो वनमाली खण्डैत के घर रात के सात बजे शहर से तकरीबन 15 किलो मीटर दूर जंगल के बीचोबीच उनके घर पहूंची और परिवार के माली स्थिति को टटोलने पहूंची तो वनमाली खण्डैत के गांव के लोगों और परिवार से मिला.

गांव के वार्ड सदस्य मंगल कोड़ा ने बताया कि जिस वक्त वनमाली और उनकी पत्नी को गांव के ही दूका पूर्ति की हत्या के आरोप में जेल गया था उस वक्त मैं भी काफी छोटा था. लेकिन किस बात को लेकर हत्या हुई यह हम लोग भी नहीं जानते मगर यह सुन कर खुशी हुई की बनमाली दादा कल रिहा हो रहें है. इस बात की खबर मंगल ने ही टुसु गोप को जानकारी तीन दिन पहले ही दी थी. सूचना पाकर टुसु गोप कभी अपनी बेटी के घर जाती तो कभी मिट्टी के घरों को सजाने में लग जाती थी.आखिर टुसु का खुशी होना लाजमी है आज करीब 15 साल बाद पत्ती की रिहाई की बात सूनी है. इधर बेटा का शादी एक वर्ष पहले ही हुआ है लेकिन मेहनत मजदूरी के लिए अपना घर छोड़ आंद्रप्रदेश पलायन कर गया है. सभी बच्चों का पालन पोषन टुसु गोप गांव में ही मजदूरी कर की है. टुसु गोप पति को लाने के लिए सुबह ही अपनी बेटी के घर चली गई जहां से अहले सुबह पति को लाने दमाद और बेटी के साथ रवाना हो जायेगी.

वहीं जब महती गोप और रोया गोप के पत्नि यानी वनमाली खण्डैत के बहु से पुछी गई तो उन लोगों के चेहरे पर खुशी तो है पर सहमी हुई है. क्यो पहले कभी देखी नहीं और गांव के लोगों सुनी सुनाई बातों पर यह सोच कर भैयभीत भी है की कभी देखा नहीं है आसलिए डर लग रहा है.दुसरी ओर विकलांग बच्ची को देख कर रोंगटे खड़े हो जाती है, जमीन पर बगैर बिस्तर के ही पेट के बल पर रेंगती रहती है और रोटी के टुकरें किसी तरह चबाती नजर आती है.ना उस बच्ची की जुबान चलती है और ना ही चल पाती है, अंधेरे घर में अकेली रहती है. इधर मां ने अपने पति को लाने के लिए अंगरा गूटु सुबह ही निकल गई. वहीं गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कल वनमाली वापस घर लौट रहा है.

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