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चाईबासा : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण के नाम पर हो रहा है बड़ा खेला, बगैर कार्य पूर्ण हुए संवेदक को हुआ पूरा भुगतान

संतोष वर्मा

चाईबासा के पश्चिमी सिंहभूम जिला में योजना के नाम पर लूट खसोट के लिए चर्चित रहने वाली झालको विभाग एक और नये कारनामों के चलतें इन दिनों सूर्खियों में है. इस विभाग में योजना का अंबार लगा हुआ और विभिन्न मदों की राशि इसी झालकों में है. जिसके कारण झालको आज जनप्रतिनिधी हो या संवेदक सबके लिए यह विभाग पसंदीदा है.

विभाग के साहब यदि मेहरबान हो गये तो संवेदक कार्य करे या नहीं लेकिन संवेदक को कार्य शुरू करने के पहले 100% रूपये का भुगतान हो जाती है नियम के विरुद्ध. वैसे ही एक मामला प्रकाश में आया है कि झालकों विभाग से विशेष केंद्रीय सहायता योजना से बनने वाले करीब 11 सड़कों का निर्माण के लिए निविदा निकाली गई थी. इस कार्य को पाने के लिए कई संवेदकों नें आवेदन किया था. लेकिन एससीओ राशी से बनने वाली 11 सड़को में से छः सड़कों का ठेका झालको ने जगदम्बा विलर्डस के नाम कर दी गई लेकिन उक्त सड़कों का निर्माण कार्य आज तक पुरा नहीं हुआ. वहीं विभाग ने नियम को ताख पर रख कर संवेदक को कार्य शुरू करने के पहले ही कार्य के निर्धारित राशि का पूरा-पूरा भुगतान कर देने का मामला प्रकाश में आया है. जबकि नियमानुसार कोई भी विभाग के द्वारा संवेदक को तभी पेमेंट का भुगतान किया जाता है जब तक कार्य स्थल का जांच और कार्य पूर्ण ना हो जाए.

गौरतलब है कि कार्य पूर्ण होने के पहले प्रावधान है कि किसी भी योजना पेमेंट संवेदक को भुगतान करने के पहले संवेदक से एसडी 5%, आईटी 2.26%, लेबर शेष 1% व रोयलटी करीब 6% तथा जीएसटी के रूप में 12% यानी कुल मिलाकर करीब 20 25% राशी की कटौती कर रुपये का भुगतान करना है. लेकिन वैसा हुआ नहीं और योजना के लिए निर्धारित किया राशि की पुरी भुगतान कर दी गई है. इधर कई सड़के वैसी है जो वन विभाग के क्षेत्र में पड़ते है और वन विभाग ने संवेदक या संबधित विभाग को एनओसी नहीं दी है लेकिन संवेदक को एडवांस के रूप में करोड़ो रूपये भुगतान कर दिया गया.

गुरूवार को उपायुक्त अरवा राजकमल और उपविकास आयुक्त आदित्य रंजन के संयुक्त तत्वाधान में झालको विभाग की बैठक हुई. जिसमे आधारभूत संरचना से संबंधित विकास योजनाओं की समीक्षा हूई, जिसके बाद इसका खुलासा हुआ. झालको से डीएमएफटी फण्ड, एससीए तथा कल्याण विभाग के द्वारा करीब 108 योजना संचालित है, जिसमे 50% करीब योजना जगदम्बा विलर्डस के पास है लेकिन कार्य सभी अपुर्ण है या फिर शुरु ही नहीं हुई है, लेकिन राशि पहले लेकर बैठा हुआ है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़क निर्माण पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने में तेजी लाने का निर्देश दिया गया

बता दें कि जिला समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में आधारभूत संरचना से संबंधित विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई. जिसमें प्रमुख रुप से उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन अन्य पदाधिकारी गण तथा सभी कार्यकारी एजेंसी के अधिकारी उपस्थित हुए. बैठक में उपायुक्त अरवा राज कमल ने सभी कार्यकारी एजेंसी जिसमें मुख्य रूप से झालको, पीएचइडी, एनआरईपी तथा वैसे एजेंसी जिन्हें जिला के द्वारा विकास योजनाओं से संबंधित कार्य सौंपा गया. उन सभी का समीक्षा की गई तथा उचित दिशा निर्देश दिये गये.

आगामी चुनाव के मध्य नजर उपायुक्त ने सभी एजेंसियों को शीघ्र विकास से संबंधित कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया. मिनरल फंड के द्वारा बनने वाले रोड, स्कूल बिल्डिंग से संबंधित कार्य लगभग 30 से 40% पूर्ण हो चुके हैं. परंतु कुछ योजना 70 से 80% तक होने के बाद भी किसी कारणवश पूरी नहीं हो पाई है. उन्हें 4 अक्टूबर तथा कुछ योजनाओं के लिए 15 अक्टूबर तक का समयसीमा कार्य को पूर्ण करने के लिए दिया गया है अगर संवेदक के द्वारा दिए गए समय सीमा में कार्य पूरा नहीं होता हैं तो संबंधित एस्ट्यूट इंजीनियर को आदेश दिया गया है कि दिए गए राशि के अनुरूप अगर कार्य नहीं किया जा रहा है तो उस पर कानूनी प्रक्रिया करते हुए राशि वापस लिया जाए तथा उक्त कार्य हेतु किसी और संवेदक को कार्यभार सौंपा जाए. उपायुक्त के द्वारा दो संवेदक को कार्य पूरा नहीं करने पर संबंधित राशि को 24 घंटे के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया. अगर किसी कारणवश राशि जमा नहीं होती है तो दोनों संवेदकको पर कानूनी प्रक्रिया हेतु एफ आई आर किया जाएगा.

विशेष केंद्र सहायता राशी से बनने वाली सड़के

  1. गुवा नुईया होते हुए लिपुंगा तक पीसीसी सड़क का निर्माण 98,74,000 लाख राशी से I था जिसका एमबी बुक 96 लाख का काटा गया, जिसमे संवेदक को एडवांस राशि के रूप में 90 लाख रूपया भूगतान कर दिया गया.
  2. नुईया लिपुंगा पथ नदी पार तक पीसीसी सड़क बनाने के लिए 96, 27, 900 रुपया खर्च करना था जिसमे एमबी बुक कराया गया 73 लाख तथा एडवांस के रूप में संवेदक को भुगतान कर दिया गया 90 लाख रूपया.
  3. करमपदा बाजार से देवधारी घर तक सड़क बनाना था 90, 35,400 लाख रूपया से लेकिन इस कार्य के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी दिया गया अब तक मगर विभाग ने संवेदक को एडवांस के रूप में भुगतान कर दी 25 लाख रूपया.
  4. भनगांव बाजार से मंगल सिद्दू का घर होते हुए विजय सिद्दू के घर तक पीसीसी सड़क का निर्माण 90,63,200 लाख में होना था इस कार्य के लिए भी वन विभाग ने संवेदक को एनओसी नहीं दी लेकिन विभाग नें संवेदक को 55 लाख एडवांस दे दिया गया.
  5. करमपदा में आंगनबाड़ी से बनिया गुड़िया घर तक पीसीसी सड़क का निर्माण 90,35, 400 लाख रूपया से करना था. इस कार्य के लिए भी वन विभाग के द्वारा संवेदक को एनओसी नहीं दी गई हे लेकिन संवेदक को विभाग के द्वारा एडवांस के रूप में 25 लाख रूपये दे दिए गए.
  6. मनोहरपुर प्रखंड क्षेत्र में सादा टिमरा से स्कूल तक 99,40,800 लाख रूपया से सड़क बनना था लेकिन इस कार्य के लिए भी वन विभाग ने एनओसी नहीं दी लेकिन संवेदक को 75 लाख रूपया एडवांस के रूप में दे दिया गया.
  7. पत्थड़वासा से प्रकाश नायक के घर तक 97,27,800 लाख से सड़क बनना था जिसका एमबी बुक 82,74,000 लाख किया गया और संवेदक को एडवांस के रूप में 75 लाख रूपया दे दी गई.
  8. टिमरा स्कूल से करवाकोचा तक 99,40,800 लाख से सड़क बनना था इस कार्य के लिए विभाग ने संवेदक को एडवांस के रूप में 65 लाख रूपया भुगतान कर दिया गया हलांक पचास प्रतिशत कार्य पूरी होने की बात कही जा रही है.
  9. धर्मगुटू से दूबिल हेगेंबुरू तक 99, 58,900 लाख रूपया से सड़क बनना था.जिसके लिए एडवांस के रूप में संवेदक को 15 लाख रूपया दिया गया लेकिन काम नहीं होने की बात सामने आ रही है.
  10. रोवाम कैंप से बुण्डू तक 99,58, 900 लाख रूपया से सड़क बनना था और इसके लिए एमबी बुक 50 लाख का काटा गया और संवेदक को एडवांस के रूप में 50 लाख रूपये दे दिये गए.
  11. छोटानागरा मंडप से कर्मगुट्टू तक पीसीसी सड़क 99,58,900 लाख से होना था और इस योजना के लिए संवेदक को एडवांस के रूप में 15 लाख मिल गये.

इन एजेंसियों को किया गया कार्य के पहले राशि का भुगतान

जगदम्बा विलर्डस, राजीव कुमार, अविनाश कुमार, मुस्कान इंटर प्राईजेज, मां शेरावाली और वश्मि अक्रम को दी गई है सड़क निर्माण कार्य का ठेका.

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