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चाईबासा : टोंटो प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे, दो-दो पंचायत में बने उप-स्वास्थ्य केंद्र पड़े बंद, निर्माण के बाद से नहीं आया कोई डॉक्टर और स्टाफ

संंतोष वर्मा

चाईबासा में सरकार स्वास्थ, शिक्षा व्यवस्था के नाम पर करोड़ो खर्च कर रही है. साथ ही डीएमएफटी फंड सें डॉक्टरों की बहाली भी की गई है. इसके बावजूद जिले के कई प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में बने उप स्वास्थय केंद्र में ना तो डाक्टर है और ना ही दवा. इस बात का उदाहरण है जिले के टोंटों प्रखंड के ग्राम बिरसिंहहातु स्वास्थ्य उप केन्द्र. जिसके भवन निर्माण के बाद आजतक वहां कोई आया ही नहीं, न डॉक्टर, न नर्स, न कंपाउंडर और न ही कोई स्टाफ. नतीजतन, वहां के मरीजो को लम्बी दूरी तय कर अंयत्र इलाज कराने जाना पड़ता है.

बता दें कि पूरे स्वास्थ्य उप केंद्र में जंगल झाड़ी उग आई है, सभी कमरे मल-मूत्र और गंदगी से भरी हुई है. वहीं दूसरी ओर इसी पंचायत के टोंटों प्रखंड के ग्राम पूरनापानी के स्वास्थ्य उप केंद्र का भी यही हाल है. वहां भी कभी कोई डॉक्टर, नर्स,कंपाउंडर, सिविल सर्जन, विधायक, सांसद, जिला प्रशासन, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तक नहीं आया है. यहां तक कि स्वास्थ्य उप केंद्र के गेट के सामने ही खंडहर जर्जर अवस्था में एक पंचायत भवन भी है. साथ ही एक चापाकल भी. लेकिन, उससे ग्रामीणों को कभी भी पानी नहीं पिला पाया. स्थानीय लोगों का कहना है कि तो स्वास्थ्य उप केंद्र में निर्माण के बाद से ही मेन गेट में ताला बंद है.

वहीं कांग्रेसी नेता विमल सुबंरई की माने तो इस स्वास्थय केंद्र में कभी भी डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर, आजतक भवन निर्माण होने के बाद भी कोई नहीं आया है, कभी भी कोई विधायक, सांसद, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन तक कोई भी झाँकने नहीं आया. वे कहते हैं ये है मुख्यमंत्री रघुवर दास का विकास, मोदी सरकार की आदिवासी बहुल पश्चिमी सिंहभूम के टोंटों प्रखंड के विकास की झूठी दावा की बीजेपी सरकार की भ्रष्टाचार की पोल खुल गयी.

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