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सीवान : जीरादेई में तीतीर स्तूप के निकट मिली प्राचीन पत्थर की प्रतिमा

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान के जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के तीतिरा टोले बंगरा गांव में स्थापित तीतिर स्तूप एकबार फिर से चर्चा में आ गया है. मंगलवार को तीतिर स्तूप से सटे दक्षिण में खेत की जोताई के दौरान एक प्राचीन पत्थर की टूटी प्रतिमा मिली हैै. इस  प्रतिमा के मिलने के बाद जहां लोगों ने वहां पूजा अर्चना शुरू कर दी है वहीं एकबार फिर से तीतिर स्तूप के ऐतिहासिक होने को बल मिलने लगा है.

बताया जाता है कि मंगलवार को स्थानीय किसान हरिशंकर प्रसाद ने ट्रेक्टर से अपनी खेत जोत रहे थे, उसी क्रम में एक पत्थर की टूटी प्रतिमा मिली. इसकी सूचना जब ग्रामीणों को दिया तो काफी संख्या में लोग देखने के लिये आये. उन्होंने बताया कि तीतिर स्तूप भगवान बुद्ध से संबंधित है. यह प्रतिमा भगवान बुद्ध की प्रतिमा जैसा प्रतीत होती है. उन्होंने यह भी बताया कि विगत माह भारतीय पुरातत्व विभाग भारत सरकार के द्वार यहाँ परीक्षण उत्खनन कराया गया. जिसमें बहुत से पुरातात्विक साक्ष्य तथा एक छोटा शिलालेख मिला था. वहीं मौर्य, कुषाण एवं गुप्त कालीन मिश्रित ईंट से निर्मित भवनावशेष व दिवाले भी मिली है.

ग्रामीण शैलेश दीपू व विशाल ने बताया कि अक्सर हमलोगों को यहाँ से चमकीला काली पॉलिश्ड का मिट्टी के वर्तन का टुकड़ा, खिलौना व मुर्तिया मिलती रहती है. उनलोंगों बताया कि गांव के बुजुर्ग बताते है कि यह भगवान बुद्ध का स्थान है. आज भी यहाँ उनकी पूजा आराधना होती है तथा विदेशी बौद्ध भिक्षुओं का टीम भी आया करता है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुरातत्व विभाग ने केवल खाना पूर्ति की. परीक्षण उत्खनन के लिए 30 दिन का आदेश निर्गत हुआ था पर मात्र 16 दिन में ही परीक्षण उत्खनन कार्यों को बंद कर दिया गया तथा जो भी पुरातात्विक अवशेष अन्वेषण के क्रम में मिला उसे बिना संरक्षण किये ही छोड़ दिया गया है.

वहीं शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रतिमा आरम्भिक अवधि की प्रतीत होती है. पर सही आकलन कोई पुरातत्वविद ही दे सकता है. वैसे इस प्रतिमा में दो तस्वीर है जिसमे एक बुद्ध जैसा प्रतीत होता है तथा एक का चेहरा टूटा हुआ है. यह प्रतिमा कलात्मक नही है व पत्थर पर फिनिसिंग नही है. उन्होंने बताया कि गढ़ के ऊपरी भाग से खेत 25 फीट नीचे है. यही कारण है कि गढ़ के सटे किसी भी भाग में चार या पांच फीट खोदने पर एनबीपी व धूसर मृदभांड व टेराकोटा की मूर्तियां, गोली व खिलौने मिलने लगते है.

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