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पटना : सुखाड़ की संभावित स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)

पटना में रविवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य में संभावित सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए समीक्षा बैठक हुई. बैठक में आपदा प्रबंधन, कृषि, जल संसाधन, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पषु एवं मत्स्य संसाधन, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, जीविका, ग्रामीण कार्य विभाग ने सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिये अपने विभाग के द्वारा की गयी तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया. वहीं मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को तत्काल कार्रवाई के लिये आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावित सुखाड़ की स्थिति में प्रभावित कृषकों एवं मजदूरों की समस्याओं के निदान के लिये सारे पदाधिकारी फिल्ड में जाकर अवगत हों और स्थितियों से निपटने के लिये तैयार रहें.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक के पश्चात लिए गये निर्णयों के बारे में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में संवाददाताओं को जानकारी दी. मुख्य सचिव ने कहा कि आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य में संभावित सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए बैठक हुई. बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान के प्रतिनिधि ने बताया की राज्य में 48 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ है. सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है. तत्काल राहत के लिए इसके संबंध में कुछ निर्णय लिए गए हैं, जिनमें किसानों को दी जाने वाली डीजल अनुदान की राशि 50 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया है, इसका वितरण सोमवार से शुरु होगा  सूखे की संभावित स्थिति को देखते हुये किसानों से विचार-विमर्श कर वैकल्पिक फसल हेतु बीज की उपलब्धता कृषि विभाग के पदाधिकारी 28 जुलाई तक प्रत्येक प्रखंड में सुनिश्चित करेंगे.

कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों द्वारा आज ही क्षेत्र भ्रमण कर कृषकों से विमर्श कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली जायेगी एवं तदनुसार वैकल्पिक फसल के संबंध में निर्णय लिया जायेगा. ऊर्जा विभाग ट्रांसफार्मर के खराब होने की सूचना मिलने पर पूर्व में 72 घंटे के अंदर ट्रांसफॉर्मर बदला जाता था, अब 48 घंटे के अंदर नया ट्रांसफर्मर लगायेगा. कृषि के लिए बिजली शुल्क को 96 पैसे से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. सरकारी ट्यूबवेल जिसमें पूर्व में व्यवसायिक बिजली शुल्क लगता था, उसे भी कम
कर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. पीएचईडी विभाग एक हेल्पलाइन चालू करेगा. अभी उपलब्ध 175 टैंकरों की संख्या को 500 किया जाएगा. चापाकल के रिपेयर करने वाले गैंग की संख्या बढ़ाई जा रही है. ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत जल संरक्षण के साधनों जैसे तालाब वगैरह की खुदाई कराएगा. इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. इस वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है, जिसमें 5 करोड़ मानव दिवस का सृजन हो चुका है और 10 करोड़ मानव दिवस सृजन करने की योजना है. 27 जुलाई तक 11 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी जानी है. 4 अगस्त तक एक किस्त की राशि रिलीज कर दी जाएगी यानि 4 हजार करोड़ रूपये लाभुकों के खाते में चला जाएगा. 4 अगस्त तक 20 से 25 लाख शौचालय का निर्माण करना है, जिसके लिए 12 सौ करोड़ रुपए की राशि लाभुकों के खाते में चली जाएगी. 15 अगस्त तक 10 से 15 लाख नए शौचालय का निर्माण करना है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 31 जुलाई तक
4 लाख राशन कार्ड उपलब्ध करायेगा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पीएचईडी विभाग मिलकर पशुओं के लिए शरणस्थली का निर्माण करायेंगे. सोलर पंप के माध्यम से उनके लिए पानी की व्यवस्था सुनिष्चित की जायेगी. वहां पर पशु कैंप
लगाने का प्रबंध हो. मुख्य सचिव ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने एक वेबसाइट डेवलप किया है कि
नहरों का पानी कहां तक पहुंचा है, उन्हें अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना है. जहां अभी पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर जल संग्रहण के साधनों का निर्माण किया जाय, जिससे रोजगार का भी सृजन होगा. मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि राशि की कोई कमी
नहीं होगी. सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों का आकलन है कि अगले सप्ताह में वर्षा हो सकती है, इसे देखते हुए 31 जुलाई को सुखाड़ से संबंधित सारी परिस्थितियों की एक बार फिर से मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे.

बैठक में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त शषि शेखर शर्मा, प्रधान सचिव जल संसाधन अरूण कुमार सिंह, प्रधान सचिव पर्यावरण एवं वन त्रिपुरारी शरण, प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन एन विजय लक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जीतेन्द्र श्रीवास्तव, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरूगन डी, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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