मोतिहारी : घोड़ासहन में निर्माणाधीन पुल गिरा, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
मोतिहारी/पूर्वी चंपारण || सूबे बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है. एक के बाद एक पुलों के गिरने से निर्माण कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. शनिवार की रात पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से कुंडवा चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर निर्माणाधीन करीब 45 फीट लंबा पुल भरभराकर गिर गया. बिहार में एक सप्ताह के अंदर पुल गिरने की यह तीसरी घटना है. इससे पहले अररिया और सीवान में निर्माणाधीन पुल गिर चुका है. घोड़ासहन में ध्वस्त इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराया जा रहा था.
तत्कालीन सांसद रमा देवी ने किया था पुल का शिलान्यास
निर्माणाधीन ध्वस्त पुल की कुल लागत 01 करोड़ 59 लाख 25 हजार 602 रुपए बताई जा रही है. शनिवार को इसकी ढलाई होने के कुछ ही देर बाद रात में यह पुल गिर गया. हालांकि पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार अफसर इसे अपने विभाग की लापरवाही मानने की बजाए असामाजिक तत्वों की करतूत बता रहे हैं. इस पुल का शिलान्यास शिवहर की तत्कालीन सांसद रमा देवी ने 10 मार्च 2024 को किया था.
असामाजिक तत्वों ने तोड़ा पुल : कार्यपालक अभियंता
इस संदर्भ में पुछे जाने पर आरडब्ल्यूडी ढाका के कार्यपालक अभियंता एस एन मंडल ने बताया कि घोड़ासहन में दो स्पैन में पुल का निर्माण धीरेन्द्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड श्रीकृष्णनगर के द्वारा कराया जा रहा है. एक तरफ से कल पुल की ढ़लाई हुई थी. उसके बाद बीती रात कुछ गाड़ी से दर्जनों असमाजिक तत्व निर्माण स्थल पर आए और पुल के सेंटरिंग को तोड़ दिया. जिस कारण ढ़ाला गया पुल ध्वस्त हो गया. वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी गई है.
डीएम ने दिए जांच के आदेश
पूर्वी चंपारण के डीएम सौरभ जोरवाल ने घोड़ासहन में निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने की घटना को गंभीरता से लिया है. डीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा रहा है. डीएम ने यह भी कहा कि हमारे पास ऐसी रिपोर्ट है कि स्थानीय लोगों के एक वर्ग ने शुरुआत में पुल के कुछ खंभों के निर्माण पर आपत्ति जताई थी. उधर, पुल निर्माण कर रही धीरेन्द्र कंस्ट्रक्शन की ओर से अज्ञात लोगों के विरुद्ध घोड़ासहन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).
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