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चाईबासा : आरईओ विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र देकर तीन करोड़ का ठेका हथियाने वाले मुस्कान इंटर प्राइजेज को करना था ब्लैक लिस्ट, एनआरपी ने दे दिया 1.70 करोड़ का ठेका

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) जिला में इन दिनों टेंडर के नाम पर बड़ा घोटाला किये जानें का मामला आये दिन सामने आ रहा है. सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ दिलाने के लिए सभी नियम कानून को ताख पर रखकर संवेदक को ठेका दिलाते है फिर शिकायत होने पर ठेका को रद्द कर दी जाती है और पुनः नये सिरे से ठेका का निविदा निकाला जाता है. एक ऐसा ही मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के आरईओ विभाग में सामने आया है, जहां फर्जी प्रमाण पत्र देकर तीन करोड़ का ठेका हथियाने वाले मुस्कान इंटरप्राइजेज को कार्यपालक अभियंता द्वारा ब्लैक लिस्ट करना था, लेकिन उसी मुस्कान इंटरप्राइजेज एनआरपी ने 1.70 करोड़ का ठेका दे दिया है.

बता दें कि आरईओ विभाग के द्वारा नवंबर माह में बड़ानन्दा डांगवापोसी पीडब्लूडी पथ सरबिल से कलैया तक पथ निर्माण कार्य 4.250 किमी लंबी सड़क, जिसका निर्माण 3.83,97,004.00 करोड़ से होना था. इस सड़क का ठेका मुस्कान इंटरप्राईजेज को आवंटन किया गया था, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र पर ठेका लिए जाने के आरोप में मुस्कान इंटरप्राईजेज का ठेका रद्द कर दिया गया, जबकि मुस्कान इंटरप्राईजेज के द्वारा ठेका मिलते ही उक्त सड़क का निर्माण कार्य शुरु करते संवेदक नें कलवट पुलिया फलेंक, जेएसबी का काम काफी दुरी तक कर लिया. इधर जब मुस्कान इंटरप्राईजेज का ठेका रद्द किया तब काम बंद कर दिया गया. जिसके कारण आज तक संवेदक द्वारा मजदुरों का मजदुरी भत्ता व सड़क निर्माण में होने वाले सामाग्री का सप्लाई करने वाले सप्लायरों की राशी का भुगतान नहीं किया गया है. अब सवाल उठता है कि जब फर्जी प्रमाण पत्र मुस्कान इंटरप्राईजेज के संचालक द्वारा दिया गया तो उक्त फार्म रद्द करते हुए ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं की गई. जबकि विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा ब्लैक लिस्ट किया जाना था. इधर जिस मुस्कान इंटरप्राईजेज को ब्लैक लिस्ट कर काली सुची में डालना था, उसी ठेकेदार को एनआरपी ने एक करोड़ 70 लाख का ठेका दे दिया है.

इधर जब मुस्कान इंटरफ्राईजेज के द्वारा काम कर लिया गया और लाखो रूपया खर्च कर दिया तो विभाग के अभियंता या फिर कार्यपालक अभियंता के द्वारा सड़क का जांच किये बगैर ही दुबारा नये सिरे से सड़क निर्माण के लिए पुरानी रेट यानी 3,83,97,004,00 करोड़ का टेंडर निकाला गया है. जिसमें इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आरईओ विभाग के अभियंता द्वारा इस सड़क निर्माण कार्य में नए संवेदक के साथ सांठ-गांठ कर लाखौं रूपये की निकासी करने की तैयारी कर ली है या फिर फर्जी ठेकेदार को मदद करने की तैयारी है. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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