सीवान : जहरीली शराब कांड को लेकर होम्योपैथ संघ की आपात बैठक आयोजित
सीवान में रविवार को रामराज मोड़ स्थित होम्योपैथ संघ भवन में एक आपात बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता वरीय चिकित्सक डॉक्टर जमालुद्दीन साहब ने की. बैठक में मुख्य रूप से छपरा में जहरीली शराब कांड में जिला प्रशासन द्वारा होम्योपैथी डॉक्टरों को बदनाम करने के कुत्सित प्रयास की घोर निंदा की गई.
डॉ जमालउद्दीन साहब ने सरकार के शराबबंदी के फैसले का समर्थन किया और बताया कि यह जनहित में लिया गया बहुत ही नेक फैसला है. वहीं डॉ दयानंद सिंह ने कहा कि अगर कोई अपराधी पेट्रोल छिड़ककर किसी के घर या किसी वस्तु को जला देता है तो क्या हम पेट्रोलियम कंपनी को उसका दोष देंगे या उनके अधिकारियों पर हम संज्ञान लेंगे. संघ के सचिव डॉ राजन शाही ने उपस्थित लोगों को बताया कि जहां कहीं भी शराब नाजायज रूप से बन रही हो सरकार को इस संबंध में त्वरित कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई भी कर रही है जो सराहनीय है. जप्त शराबों को सरकार के माध्यम से नष्ट भी किया जाता है. डॉक्टर आफताब आलम ने बताया कि होम्योपैथी आज के दिन एक स्थापित चिकित्सा पद्धति है यदि यह हानिकारक होती तो रोज देश में होम्योपैथी विश्वविद्यालय नहीं खुलते. उपस्थित लोगों ने एक स्वर से छपरा में होम्योपैथी दुकानदारों को बदनाम करने की कोशिश की निंदा की. उपस्थित डॉक्टरों ने बताया कि होम्योपैथी सस्ती, सुलभ और हानि रहित दवा उपलब्ध कराती है, इसको बदनाम किया जाना अमानवीय है. होम्योपैथी एक ऐसा माध्यम है जिसमें गरीबों का इलाज संभव हो पाता है.
उपस्थित चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अनुरोध करते हैं कि मद्य निषेध विभाग और प्रशासन द्वारा होम्योपैथी चिकित्सकों और दुकानदारों को प्रताड़ित करने से प्रशासन को रोकने का दिशा निर्देश दें, ताकि सभी चिकित्सक भयमुक्त होकर गरीब मरीजों की सेवा कर सके और दुकानदार उनको दवा उपलब्ध करा सके.
इस अवसर पर डॉ प्रेम कुमार पांडे, डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ विनोद पांडेय, डॉ बीके गुप्ता, डॉ सत्यनारायण गुप्ता, डॉ नरेंद्र कुमार, डॉ विनय कुमार, डॉ सत्येंद्र कुमार, डॉ विजय शंकर सिंह, डॉ रतन सिंह, डॉ संतोष कुमार, डॉ पंकज कुमार, डॉ अनमोल कुमार, डॉ अमित कुमार व डॉ निगम कुमार समेत जिले के सारे होम्योपैथी चिकित्सक उपस्थित थे. (अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट).
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