नालंदा : बच्चे को सांप ने डंसा तो सांप को पकड़ कर इलाज कराने परिजन पहुंचे अस्पताल, एक महिला भी हुई सर्पदंश की शिकार
नालंदा में नूरसराय थाना इलाके के रामडीहा गांव में बच्चे को सर्पदंश के बाद परिजन ने सांप को पकड़ कर इलाज कराने अस्पताल लेकर चले आए. जैसे ही परिजन ने स्वास्थ्यकर्मी को यह बात बतायी सभी लोग कुछ देर के लिए भौचक्के हो गए. हालांकि सांप डब्बा में बंद था इसलिए कोई डर की बात नहीं थी.
दरअसल, महेश यादव के आठ वर्षीय पुत्र अनुश कुमार पढ़ाई करने के लिए रैक पर रखे कॉपी को निकालने गया, उसी वक्त उस पर बैठे सांप ने उसकी उंगली में डंस लिया. बच्चे द्वारा शोर मचाए जाने के बाद परिजन दौड़ कर कमरा में पहुंचे तो सांप को वहां से भागते देखा. इसके बाद उनलोगों ने उसे पकड़ कर डब्बे में बंद कर बिना समय गवाए इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उसका इलाज शुरू हुआ और कुछ देर बाद वही ठीक हो गया.
परिजनो ने बताया कि अक्सर डॉक्टर पूछा करते हैं कि सर्पदंश हुआ तो कौन सा सांप काटा है. सांप ने काटा है या अन्य कोई, इस कारण से सांप को ही पकड़ कर अस्पताल लेकर चले आये हैं. इलाज के बाद जब बच्चा ठीक हो गया तब डॉक्टर के कहने पर परिजन सांप को ले जाकर जंगल में छोड़ दिए.
उधर, परबलपुर थाना इलाके के मय गांव में रंजीत रविदास की पत्नी कंचन देवी को खेत में मूंग तोड़ने के दौरान सांप ने डंस लिया, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां से उसके नाजुक हालत को देखते हुए विम्स रेफर कर दिया गया.
सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ मरीचिमाली रंजन ने बताया कि बरसात के मौसम में सांप बिल से बाहर आ जाते हैं. जिसके कारण ऐसे मौसम में लोग सर्पदंश के शिकार के शिकार हो जाते हैं. जैसे ही सांप काटे तुंरत उस व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाना चाहिए न कि झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ कर समय गवाना. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा के स्नैक बाइट का इंजेक्शन उपलब्ध है. समय पर इलाज होने से मरीज ठीक हो जाता है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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