नालंदा : विप चुनाव में एनडीए प्रत्याशी रीना यादव ने दर्ज की लगातार दूसरी बार जीत, 1468 मतों से लोजपा (रा) प्रत्याशी को किया परास्त
नालंदा के एमएलसी पद के लिए पांच प्रत्याशियों का फैसला आज हो गया. तीन पार्टी समर्थित जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से नरेश प्रसाद सिंह, जनता दल यूनाइटेड से रीना यादव, राष्ट्रीय जनता दल से वीरमणि कुमार तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन प्रसाद एवं दिलीप कुमार ने एमएलसी का चुनाव लड़ा.
सभी प्रत्याशियों को पछाड़ते हुए 1468 मतों से लगातार दूसरी बार एमएलसी पद पर रीना यादव का कब्जा बरकरार रहा है. जबकि दूसरे स्थान पर लोजपा व तीसरे स्थान पर राजद के उम्मीदवार बरकार रहें. जैसे ही रीना देवी के जीत का अनाउंसमेंट हुआ एनडीए के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
3746 वोट में किन्हें कितना मिला मत
लोजपा (रा) नरेश प्रसाद सिंह:- 748
जदयू (एनडीए) रीना देवी:- 2216
(राष्ट्रीय जनता दल) विरमानी कुमार:- 576
(निर्दलीय प्रत्याशी) अर्जुन प्रसाद:-
(निर्दलीय प्रत्याशी) दिलीप कुमार:-
क्या रहा है रीना देवी का इतिहास
रीना देवी पटना कॉलेज पटना से वर्ष 2013 में पोस्ट ग्रेजुएट हुई है. राजनीति की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई है. शुरुआत लोजपा से कि 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान रीना देवी हिलसा विधानसभा से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद लोजपा को छोड़कर पति-पत्नी जदयू में शामिल हो गई. साल 2015 के एमएलसी चुनाव के दौरान पति राजू यादव को जदयू ने अपने टिकट पर चुनाव लड़ने को कहा, किसी कारणवश नामांकन रद्द हो गया जिसके बाद रीना देवी को प्रत्याशी बनाया गया था. जिस पर रीना देवी ने जीत दर्ज की थी. पार्टी ने एक बार फिर से भरोसा जताते हुए रीना देवी को नालंदा से एमएलसी का उम्मीदवार बनाया और पुनः रीना देवी ने पार्टी नेतृत्व का भरोसा कायम रखते हुए बड़ी जीत दर्ज कर ली. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1468 मतों से परास्त कर दिया.
गौरतलब है कि एमएलसी चुनाव को लेकर 4 अप्रैल को 99.33% मतदान हुए थे. जिसमें महिला मतदाताओं का प्रतिशत 99.47 रहा. जबकि पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 99.34 रहा था. 20 प्रखंडों में से कुल 9 प्रखंडों में 100% मतदान हुए थे.
इस मौके पर रीना देवी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने मुझे पुनः जिताने का काम किया है. लेकिन उससे भी खुशी की बात है कि जनप्रतिनिधियों ने बहुमत के साथ उन्हें जीत दिलवाया है. वहीं उन्होंने अपने विरोधियों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग कहा करते थे कि वे अपने कार्यकाल के दौरान जनप्रतिनिधियों से मिलने जुलने का काम नहीं किए हैं, उन्हें जनप्रतिनिधियों के द्वारा ही करारा जवाब मिला है. मुख्यमंत्री की अगुवाई में फिर से विकास की गंगा नालंदा में बहेगी. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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