सीवान : पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र का करेगी ऑनलाइन सत्यापन, नगर थाना में शुरू हुआ जांच कार्य
सीवान से अच्छी खबर है, जहां चरित्र प्रमाण पत्र के लिए अब पुलिस लाइन या साइबर कैफे में लाइन लगकर धक्कामुक्की नहीं करनी पड़ेगी. इसके लिए शनिवार से नगर थाना में ऑनलाइन आवेदन जांच शुरू कर दिया गया. हालांकि इस तरह की व्यवस्था जिले के किसी भी थाना में नहीं हैं. ऑनलाइन आवेदन करने पर उसमें कोई त्रुटि नहीं रही तो 15 दिनों के अंदर चरित्र प्रमाण पत्र बनकर आवेदक के ई-मेल पर आ जायेगा.
नगर थानाध्यक्ष जयप्रकाश पंडित ने बताया की चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन करने से लेकर उसे तैयार कर भेजने तक की प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जा रही है. साइट पर विजिट कर बाई तरफ ऊपर ऑनलाइन आवेदन पर क्लिक करना है. उसके खुलने पर लोक सेवाएं में गृह विभाग की सेवाएं में जाना है. जहां चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने का विकल्प दिखेगा. उस पेज को खोलकर उसमें मांगी जानकारी फोटो सहित देकर उसे सबमिट कर देना है. पुलिस आवेदक के घर पर जाकर सत्यापन का कार्य करेगी. प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक के ई-मेल पर चरित्र प्रमाण पत्र भेज दिया जायेगा.
पहले दिन हुए 30 सत्यापन
नगर थाना में पहले दिन ही 30 सत्यापन ऑनलाइन की गई. जिसमें आवेदकों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ी. थाना परिसर में आए आनंद नगर से अमजद खान, रोशनी परवीन, शिखा सिंह, सोहेल अहमद ने बताया कि थाना में ऑनलाइन की व्यवस्था हो जाने से समय और पैसा दोनों का बचत है. पिछले तीन महीनों से इधर उधर भटक रहे थे लेकिन कहीं से सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा था.
सत्यापन के चक्कर में होती थी देर
बता दें कि आवेदकों को पुलिस सत्यापन में काफी देर हो जाती थी. नौकरी, पेशा समेत सभी क्षेत्रों में इसका अहम भूमिका होता है. नौकरी की बहाली या विदेश जाने वाले सभी लोगो के लिए इसका मुख्य भूमिका था. इस कारण से पुलिस के सामने मैनुअल काम करने में बड़ी चुनौती होती थी. पुलिस को आवेदक की पहचान, नागरिकता और उसके आपराधिक इतिहास का पता लगाना पड़ता था. इसके लिए कई कागजात खंगालने पड़ते थे, जिस कारण से चरित्र प्रमाण पत्र जारी होने में लम्बा समय लगता था. इस तरह के व्यवस्थाएं से लगभग एक दिन में सैकड़ों लोगों को लाभ मिलेगा.
इंटरनेट की समस्या में भी नहीं फंसेगा पत्र
नगर थानाध्यक्ष का कहना है कि ऐप को ऐसा हाइटेक बनाया गया है कि यदि किसी थाना में इंटरनेट सेवा धीरे या बाधित होन पर भी सत्यापन कार्य बाधित नहीं होगा. इसके लिए संबंधित जानकारी सेव कर रखना होगा और जैसे ही इंटरनेट कनेक्टिविटी आएगी स्वत: अपलोड हो जाएगा. ऑटोमेटिक अपलोड की व्यवस्था से समय की बचत के साथ आवेदकों और पुलिस पदाधिकारियों दोनों को बड़ी राहत होगी. (अमन राज श्रीवास्तव की रिपोर्ट).
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