सीवान : पचरुखी में स्कूली बच्चों से कुत्ते का शव फेंकवाने के बाद अब छात्रों से लिया गया यह काम…
कुमार विपेंद्र
सीवान के पचरुखी प्रखंड में अभी एक प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल के छात्रों के हाथों कुत्ते की लाश फेंवाने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि प्रखंड में एकबार फिर से शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला पचरुखी बीआरसी का है जहाँ किताबों से भरी बोरियों को ढोने के लिए मजदूरों के बजाय स्कूली बच्चों को काम पर लगा दिया गया.
बताया जाता है कि शनिवार को आधा दर्जन छात्रों को किताब की बोरियों को लादने के लिए टेम्पू से पचरुखी बीआरसी लाया गया. इस बात की भनक स्थानीय पत्रकारों को लग गयी और वे बीआरसी की तरफ बढ़े. पत्रकारों को बीआरसी में आता देखे वहाँ मौजूद कर्मियों ने आनन-फानन में छात्रों को टेम्पू में बिठा दिया. जब पत्रकारों ने छात्रों से छात्रों से सवाल पूछे तो पता चला कि सभी छात्र मध्य विद्यालय पचरुखी के हैं और उन्हें बीआरसी से टेम्पू में किताब की बोरियां लोड करने के लिए भेजा गया है. इतने में पचरुखी बीइओ सूर्यप्रकाश भी टेम्पू के पास पहुँच गये और छात्रों से बात कर उन्हें घर भेज दिया.
वहीं पत्रकारों ने जब पचरुखी बीइओ सूर्यप्रकाश से पूछा कि क्या किताबों की बोरियों को लोड करना छात्रों का काम है तो उनका चेहरा उतर गया. बीइओ सूर्यप्रकाश ने कहा कि अगर किताबों को लोड करने को लेकर समस्या है तो मैं खुद ये काम कर दूंगा. मगर ये काम बच्चों से कराना कतई उचित नहीं है. मैने सम्बंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक से बात की है. लेकिन वे किसी भी छात्र को बीआरसी भेजने की बात से इंकार कर रहे हैं. मामला मेरे संज्ञान में है और इसकी गहनता से जाँच की जायेगी. उन्होंने कहा कि यदि यह बात सच साबित हुई तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी. इसमें कोई दो राय नहीं है.
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