सीवान : अंतर वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने दिया बीआरसी में तालाबंदी करने का अल्टीमेटम
चमन श्रीवास्तव
सीवान के लकड़ीनबीगंज प्रखंड के प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत सैकड़ों डीपीई उत्तीर्ण सत्र 2007-09, 2008-10 एवं सत्र 2009-11 के प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों के अंतर वेतन भुगतान का मामला वर्षों से अटका पड़ा है. इसको लेकर प्रखंड मुख्यालय के बीआरसी भवन के तत्वधान में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ, प्रखंड इकाई लकड़ीनबीगंज के बैनर तले गुरुवार को एक बैठक आहूत की गई. अध्यक्षता प्रखंड सचिव संतोष कुमार सिंह ने की.
बैठक में डीपीई एरियर भुगतान को लेकर गंभीर समीक्षा की गई. बैठक के दौरान बीईओ को यह अल्टीमेटम दिया गया कि यदि आगामी 15 नवम्बर तक अंतर वेतन विपत्र जिला मुख्यालय को सुपुर्द नहीं किया जाता है तो शिक्षक बीआरसी में तालाबंदी कर आमरण अनशन पर बैठना सुनिश्चित करेंगे. शिक्षकों ने बताया कि डीपीओ स्थापना ने सभी बीईओ को पिछले माह ही एडवाइस में विसंगति दूर कर एक सप्ताह के अंदर विपत्र जमा करने का निर्देश दिया था. लेकिन बीईओ द्वारा उक्त निर्देश को ताक पर रखकर अवहेलना की जा रही है.
बहरहाल, वस्तुस्थिति जस की तस बनी हुई है. जबकि 19 प्रखंडों में से 16 प्रखंडों का अंतर वेतन का भुगतान हो चुका है. हालांकि जिले के लगभग सभी प्रखंडों के कुछ शिक्षकों की शिकायत है कि कतिपय कारणों से उनका अंतर वेतन भुगतान नहीं हो सका है. संबंधित बीईओ पर दोषारोपण करते हुए उनका कहना है कि विभागीय निर्देश के बावजूद अंतर वेतन का विपत्र जिला को नहीं भेजना समझ से परे है. संबंधित बीईओ, बीआरपी व सीआरसीसी की कार्यप्रणाली से परेशान शिक्षकों में भारी आक्रोश है। इसको लेकर शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
बैठक में मुन्ना सिंह, नीतीश कुमार, अविनाश मिश्र, ओम प्रकाश शर्मा, संकुल समन्वय संतोष सिंह, संजेश कुमार, कुमार अमरीश, काशिफ इसरार, सुदामा प्रसाद, शैलेंद्र कुमार, नन्हे कुमार, रामा महतो, राहुल कुमार, प्रशांत कुमार, कुमारी रंजीता, हरी लाल यादव, जय राम, अमित कुमार, अभिषेक कुमार, जितेंद्र कुमार, सर्वानंद राम, बेबी कुमारी, रत्नेश सिंह, अशोक सिंह, आनंद शर्मा, संजय कुमार मौर्य, सुशील कुमार, विनोद कुमार यादव, मोतीलाल प्रसाद, राजू कुमार, अजय कुमार, रिंकी कुमारी, ओसिहर मांझी, हरेन्द्र कुमार, जितेंद्र कुमार, अशोक प्रसाद, गुल मोहम्मद समेत संघ के पदाधिकारी व शिक्षक मौजूद थे.
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