बाढ़ : अजीबोगरीब बीमारी का शिकार हुआ युवक, इलाज के लिए आर्थिक मदद की है आस

ब्रजकिशोर ‘पिंकू’
बाढ़ में एक इंसान पिछले दो सालों से एक अजीबोगरीब बीमारों से जूझ रहा है. मामला पंडारक प्रखंड के लेमुआ बाद पंचायत का है जहां के महादलित परिवार के शम्भू प्रसाद के पेट किसी बड़े गुब्बारे की तरह फुल गया है. इस अजीबोगरीब बीमारी के इलाज में शम्भू और उसके परिवार की सारी जमापूंजी खत्म हो गयी है. लेकिन उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई है और अब वह खाट पर पड़े पड़े अपनी मौत का इंतेजार कर रहा है.
सरकार किसी भी गरीब को गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी मरने नहीं देगी. ऐसा दावा आयुष्मान भारत के तहत सरकार के लोगों के द्वारा किया जाता है. लेकिन www.abhibharat.com आपको बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड अंतर्गत लेमुआबाद पंचायत का एक ऐसा महादलित परिवार के युवक को जिंदगी और मौत से जूझते हुए दिखा रहा है. जिसे देख कर आपको भी लगेगा कि आखिर इस युवक की मौत हो जाती है तो इसके पत्नी बच्चे और बूढ़े मां बाप को कौन देखेगा.
दो साल पहले तक लेमुआबाद से हर दिन पटना जाकर मजदूरी करने वाला शंभू दास आज दो वर्षों से बेड पर पड़ा है. पेट की बीमारी होने के बाद शंभू का पेट इस कदर बड़ा होकर फुल गया कि आज उससे ठीक करवाने के लिए पटना के तमाम डॉक्टरों और सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटते काटते थक चुका है. चिकित्सकों के द्वारा शंभू का इलाज किया गया शंभू के पास जितने भी पैसे थे और इधर उधर से कर्ज लेकर भी ठीक करवाने की कवायद की. लेकिन आज भी शंभू के स्वास्थ्य में कोई अंतर नहीं हुआ है. जिसको लेकर उसके बूढ़े माता-पिता की आंखों में हर समय आंसू भरा रहता है. शंभू को आज उठने बैठने और सोने में भी दिक्कत है. इलाके के लोगो ने अब कर्ज देना भी बंद कर दिया है.
इस अजीबोगरीब बीमारी के बारे में चिकित्सकों का कहना है कि यह लीवर की बीमारी है. जो पुरुषों में खासतौर पर अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से होती. जिसका इलाज न के बराबर ही है. हालांकि चिकित्सक ये भी बताते हैं कि लगातार इलाज और दवाईयों के सेवन से बीमारी को ठीक करने के चांसेज भी हैं. लेकिन आर्थिक रूप से खस्ताहाल शम्भू और उसका परिवार अब इलाज कराने में सक्षम नहीं है. ऐसे में www.abhibharat.com अपने प्रबुद्ध पाठकों और दर्शकों से शम्भू के आर्थिक मदद व सहायता की अपील करता है. बीमार शम्भू की मदद के लिए आप हमसे मोबाइल नम्बर 7004714317 पर संपर्क कर सकते हैं. आपकी एक छोटी मदद किसी के परिवार को उजड़ने से बचा सकता है.
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