बेगुसराय के बलिया बस स्टैंड पर अपराधियों का कब्जा, स्टैंड ठेकेदार लगा रहा दर-दर की चक्कर
नूर आलम
बेगूसराय के बलिया बस स्टैंड पर इन दिनों अपराधियों का कब्ज़ा हो गया है. बस स्टैंड को चलाने का अधिकार किसी और को है लेकिन चला कोई और रहा है. और चलने वाला कोई मामूली आदमी नहीं बल्कि क्राइम कण्ट्रोल एक्ट के तहत तड़ीपार किया गया एक कुख्यात अपराधी और उसके सहयोगी हैं.
एक कहावत है कि शासन करना है तो इमानदारी से नहीं बल्कि हथियारों के बल पर, जब चाहो जिसे चाहो उसे हथियार के बल पर डरा धमका सकते हैं. ऐसा ही वाकया बेगूसराय के इनियार निवासी अभिनंदन सिंह के साथ हुआ. जिन्हे 24 नवम्बर 2015 से 23 नवंबर 2020 तक का ठेका बलिया बस स्टैंड का नवीनीकरण कर दिया गया. जो कि 22 नवम्बर 1999 से ही बलिया बस स्टैंड की वसूली का ठेका का कार्य करते आ रहे हैं. यहां नाम किसी का और काम किसी और का वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. इस मामले को लेकर पीड़ित अभिनंदन सिंह आरक्षी अधीक्षक से लेकर प्रमंडल आयुक्त तक को लिखित आवेदन दे चुके हैं.
संवाददाता को उन्हांने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि 12 जून 2017 की संध्या करीब 20 की संख्या में आये अपराधियों ने हथियार के बल पर हमारे सहयोगी रामनंदन महतो से छह हजार रूपये छीन लिये और मारपीट की. साथ ही अपराधियों ने धमकी देते हुए कहा कि कल से हमारे गैंग के लोग रूपया वसूली करेंगे. हमारे डर से जिला प्रशासन भी डरता है. तुझे जहां जाना है जा.
अब सवाल यह उठता है कि सभी दस्तावेजों के पुख्ता होते हुए भी बलिया बस स्टैंड का रूपया सीसीएक्ट अपराधी कैसे वसूल रहे हैं. लिखित शिकायत करने के बावजूद भी अपराधी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. क्या बलिया बस स्टैंड हथियार के बल पर ही चलेगा. अभिनंदन सिंह ने बताया कि गिरधारी यादव, संजय चौधरी, बजरंगी सिंह, बलराम यादव, पारस यादव, दिलीप यादव समेत दर्जनों सीसीएक्ट अपराधी सरेआम पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए वसूली कार्य कर रहे हैं.
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