चाईबासा : कृषी उत्पादन बाजार समिति द्वारा संचालित मंगलहाट में सुविधाओं का घोर अभाव, सब्जियों के साथ लोग खरीद रहें बीमारी
संतोष वर्मा
आज पुरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान जोड़ो से चल रही है इस उद्देश्य को लेकर की पहले स्वस्थ और स्वच्छ रहें आम जनता. लेकिन कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा जिला के ऐतिहासिक मंगलाहाट में स्वच्छ भारत मिशन योजना की किस कदर कृषि विभाग द्वारा धज्जियां उड़ा रही है यह जिता जागता देखने को मिलेगा. अगर हमारी बातों पर विश्वाष ना हो तो जिले के मुख्य शहर के बिच मंगलाहाट में जा कर देख सकते है कि बजबजाती कचरे की ढेर पर बसा है शहर का बड़ा हाट बाजार. लेकिन मजे की बात है की इस बाजार से गरिब हो अमिर, पदाधिकारी हो या अधिकारी या फिर कर्मचारी के साथ साथ इसी बाजार से हरी सबजियां और मटन, चिकन की खरीदारी कर अपने घर ले जाते है. लेकिन क्या आपने कभी सोंचा है की हम सब्जी,मटन चिकन तो खरिद कर ले जा रहें मगर एक और चिज भी खरिद रहे है वह है अज्ञात बिमारी जो सीधे लोगों का स्वास्थ को प्रभावित करता है.
बता दें कि इस बाजार से कृषि विभाग द्वारा संचालित कृषि उत्पादन बाजार समिति को गाहे बजाहे प्रतिमाह लाखों रूपये की वसुली टैक्स के माध्यम से हो जाती है. मगर सफाई के नाम पर कुछ नहीं. आज संसाधन के अभाव में पुरा बाजार में सड़े कीचड़, गंदी पानी और कचरो से पटा हुआ है. बाजार में सब्जी बेचने वाले ब्यापारी अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहे है. लेकिन जिला प्रशासन इस मंगलाहाट की सूरत और मुरत बदलने को तैयार नहीं. वैसे तो इस बाजार को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग को दिया गया है. सरकार द्वारा मंगलाहाट चलाने के लिए 17 अधिकारी से लेकर कर्मचारियों व सफाई कर्मी तक उपल्बद रहने के लिए पद स्वीकृत कियें है लेकिन मात्र चार कर्मचारी के हवाले यह मंगला हाट चल रहा है. जबकि इस हाट से विभाग को लाखों रूपये टैक्स की वसूली से राजस्व अर्जित होते है. इस हाट बाजार के रख रखाव के लिए सदर अनुमंडल के अनुमंडलाधिकिरी चैयरमेन होते है और कृषि उत्पादन बाजार समिति के प्रणव सचिव कृषि विभाग के ही है.मगर सभी आज इस बाजार की बेहतर रख रखाव की जिम्मेवारी से पड़े है.
वहीं सब्जी बेचने वाले व्यापारी भी कहते है कि हम लोग तो सरकार को टैक्स देते है. लेकिन, सफाई तो होती ही नहीं है, क्या करें हमारे भी चार पांच परिवार है. यदि हम कारोबार नहीं करेगें तो हमारा घर नहीं चलेगा. हम लोग मजबुर है इस कचरें में सब्जी बेचने के लिए. आये दिन हम भी बिमार होते है. मगर, दवा खाकर अपना कारोबार करतें है.
गौरतलब है कि कृषि उत्पादन बाजार समिति को चलाने के लिए एक प्रणव सचिव, चार बाजार प्रयवेक्षक, एक लेखा लिपिक, एक निम्नवर्गिय लिपिक, एक टंकण सह लिपिक, एक पत्राचार लिपिक, एक वाहन चालक, चार चतुर्थवर्गिय कर्मचारी, एक स्वीपर व एक कंप्यूटर अॉपरेर्टर सहित दो कर्मचारी इस प्रकार 17 कर्मचारी बहाल थे. वर्तमान में मात्र चार ही कार्यरत्त है जिसमे दो कर्मचारी सरायकेला जिला से प्रतिनियूक्त पर है और दो कर्मचारी दैनिक भत्ता पर है. जबकि वाहन चालक तो है पर वाहन दीमक खा रहे हैंं. विभाग द्वारा प्रणव सचिव को बाजार की देख रेख करने व सुचारु रूप से चलाने के लिए गाड़ी तो दी गई है .लेकिन उक्त गाड़ी बेकार पड़ा हुआ है. चालक भी है. लेकिन, चालक अॉफिस बॉय बन कर काम कर रहा है.
वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर कृषि उत्पादन बाजार समिति चाईबासा के प्रणव सचिव शशि भूषण खालखो ने बताया कि क्या करें हमारे पास संसाधन के साथ-साथ कर्मचारियों का अभाव है. हम चाहते है बाजार का रख-रखाव बेहतर हो. लेकिन, फण्ड का रोना है. टैक्स वसूली के पैसे पड़े हुए है.
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