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बेगूसराय : कुव्यवस्थाओं से घिरा सदर अस्पताल, मरीजों को बाहर जाकर इलाज कराने की दी जा रही सलाह

नूर आलम

बेगूसराय सदर अस्पताल में इन दिनों भारी कुव्यवस्था देखने को मिल रही है. अस्पताल में मरीजों का ना तो इलाज किया जाता है और ना ही दवा दी जा रही है. वहीं अस्पताल में इलाज कराने आये रोगियों को बाहर निजी क्लीनिक में इलाज कराने की सलाह दी जा रही है.

जी हाँ, कुछ ऐसा ही हो रहा है बेगूसराय में. सदर अस्पताल में भर्ती रोगियों को ना दवा दी जा रही है, ना संबंधित बीमारी का इलाज किया जा रहा है. बेगूसराय सदर अस्पताल हाथी के दांत साबित हो रहा है. एक तरफ राज्य सरकार करोड़ों सालाना एक सदर अस्पताल पर खर्च कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल के डॉक्टर खानापूरी कर अस्पताल में भर्ती रोगियों को प्राइवेट क्लीनिक में जाने की सलाह दे रहे है. सदर अस्पताल में महिला वार्ड में रखने के बजाय महिला रोगी को कालाजार वार्ड में भर्ती कर दिया जा रहा है.

बेगूसराय के सदर अस्पताल में भर्ती लखमिनिया बाघचक निवासी मो कमाल आलम ने अपनी बेटी 18 बर्षीय जीनत परवीन को 12 मई को भर्ती कराया था. उनकी बेटी की शिकायत है कि पेट में दर्द और कुछ खाने पीने पर उल्टी हो जाता है. इसी बीमारी को लेकर सदर अस्पताल में जीनत परवीन को भर्ती कराया गया था. लेकिन भर्ती होने के बावजूद जिन्नत को ना दवा दी जाती है ना संबंधित बीमारी को इलाज किया जा रहा है. उल्टे यहां के चिकित्सक एवं नर्स द्वारा जिन्नत को प्राइवेट क्लीनिक में इलाज कराने की सलाह देने से भी परहेज नहीं कर रहे है. इतना ही नही और मरीज को किसी मीडियाकर्मी या किसी से शिकायत करने पर अस्पताल से भगा देने की धमकी दी जा रही है.

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