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चाईबासा : नव वर्ष के पहले दिन राज्यपाल और सीएम पहुंचे खरसावां, शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि

चाईबासा में नव वर्ष के पहले दिन झारखंड की राजनीति ने करवट-बदली और राज्यपाल व मुख्यमंत्री खरसावां पहुंचे, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

पहली बार खरसावां पहुंचे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वर्ष 1948 में शहीदों का जीवन बलिदान ही आज के आधुनिक झारखंड राज्य का वास्तविक आधार है. मौके में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 1948 को इस स्थान पर सैकड़ो लोगों ने बलिदान दिए. आजादी के पहली वर्षगांठ में ही इस तरह का खून बहाकर अपना इतिहास बनाया. इस धरती पर हम एकत्रित हैं. राज्यपाल पहली बार इस शाहिद समाधि स्थल पर पहुंचे हैं. यह स्थान वास्तविक रूप से हम सबों को ऊर्जान्वित करता है. और इस बात के लिए प्रशस्त करता है कि हम अपने जिम्मेदारी को ना भूलें.

इधर, खरसावां गोडपुर मैदान में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित किसान मेला (कृषि उत्पादन एवं प्रशिक्षण शिविर) में भी राज्यपाल पहुंचे एवं कृषि मेला का अवलोकन किया. गोडपुर से खरसांवा शहीद स्थल तक असंख्य भीड़ इस बात की एहसास करा रही थी कि “शहीदों के मजारों में हर वर्ष लगेंगे मेले, मगर हम ना होंगे”.

वहीं खरसांवा शहीद स्थल पर झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे. राज्य के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री जोवा माझी, खरसावां विधायक दशरथ गागराई सहित विधायक गण भी पहुंचे एवं शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि खरसावां गोलीकांड के शहीदों का पहचान का प्रयास होगा ताकि आश्रितों को सम्मान मिल सके. झारखंड ओड़ीसा से भी लोग यहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। लोगों में झारखंड की राजनीति को लेकर भी चर्चा हो रही थी. झामुमो गांडेय विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ सरफराज अहमद का अचानक इस्तीफा से लोगों में चर्चा है कि झारखंड राजनीतिक करवट बदल रही है. इन बातों को छोड़ दें तो पाएंगे कि लोग शहीदों पर आस्था व्यक्त करने में मशगूल रहे. पूरे कार्यक्रम में सरायकेला खरसांवा के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, एसपी डॉ विमल कुमार के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासन सक्रिय रही. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).

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