कैमूर : राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर आईएमए के चिकित्सकों ने किया रक्तदान
कैमूर में रक्त के अभाव मे किसी भी मरीज की जान न जाए, इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भभुआ कैमूर शाखा द्वारा राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर शनिवार को सदर अस्पताल भभुआ मे रक्तदान शिविर आयोजित किया गया.
वहीं आईएमए के डॉक्टर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि रक्त की ये यूनिटें कैंसर, थैलेसिमिया, लावारिस मरीज, एनमिक गर्भवती समेत अन्य जरूरतमंद मरीजों के उपचार मे सहायता की जाएगी. जिसको लेकर इस रक्तदान शिविर मे शामिल रक्तदाताओं को आईएमए कैमूर की तरफ से प्रशस्तिपत्र भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए यह रक्तदान शिविर आयोजित किया गया, ताकि लोगों मे फैली भ्रांतियां हैं, जैसे रक्तदान से शरीर कमजोर हो जाता है और उस रक्त की भरपाई होने मे काफी समय लग जाता है. इतना ही नही लोगो मे यह गलतफहमी भी व्याप्त है कि खून देने से रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण बीमारियां जल्द पकड़ लेती हैं. इन्ही गलत फहमियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति जिनकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है, वजन 45 किलो से अधिक हो, जिसे एचआईवी, हेपटाइटिस बी-सी, रक्ताल्पता, मधुमेह इत्यादि की बीमारी न हो, वह रक्तदान कर सकता है. जिसमे एक बार मे 350 मिलि रक्त दिया जाता है. उसकी क्षतिपूर्ति चौबीस घंटे के अंदर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति महीने भर मे हो जाती है. दूसरे जो नियमित रक्तदान करते हैं, उन्हे ह्रदय संबंधित बीमारियां कम परेशान करती हैं. तीसरी अहम बात यह है कि हमारे रक्त की संरचना ऐसी है कि उसमे समाहित रेड ब्लड सेल तीन माह मे स्वयं ही मर जाते है. लिहाजा प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह मे एक बार रक्तदान कर सकता है.
रक्तदान करने वालों मे आईएमए के सचिव डॉ संतोष कुमार सिंह,डॉ विन्ध्याचल सिंह, डॉ राजेंद्र द्विवेदी, डाॅ बाल्मिकी पाण्डेय, डॉ साहिल राज सिंह, अजय कुमार सिंह, पुष्पेन्द्र शर्मा, के के तिवारी, शिव शंकर शर्मा, राज किशोर श्रीवास्तव शामिल थे. जिनके द्वारा कुल 10 यूनिट रक्तदान किया गया उपस्थित अन्य मे आईएमए के अध्यक्ष डॉ डीके सिंह मंटू, डीएस डाॅ विनोद कुमार, डॉ अरविंद द्विवेदी, रक्तवीर शिवम कुमार, अजय प्रताप सिंह, अजय शर्मा व चितरंजन इत्यादि थे. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
Comments are closed.