Abhi Bharat

छपरा : जिले के दो बच्चों का अहमदाबाद में होगी दिल में छेद की नि:शुल्क सर्जरी, फ्लाइट से हुए रवाना

छपरा में मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल बाल हृदय योजना से जन्मजात दिल में छेद से ग्रसित बच्चों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है. सारण जिले के अब कई बच्चों का इस योजना के तहत सर्जरी किया जा चुका है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा चयनित सारण जिले के एकमा प्रखंडा के नवतन गांव निवासी द्वारिका प्रसाद के तीन वर्षीय पुत्र राम रतन कुमार प्रसाद व इनायतपुर गांव निवासी विनोद साह के तीन वर्षीय पुत्र शिवम कुमार को बाल हृदय योजना के तहत हार्ट के निःशुल्क ऑपरेशन एम्बुलेंस वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. दोनों बच्चों को पटना हवाई अड्डे से निःशुल्क हवाई यात्रा के माध्यम से अहमदाबाद पहुंचाया जाएगा. जहां श्री सत्य साईं हॉस्पिटल में इन बच्चों का ऑपरेशन किया जाएगा.

फ्लाइट से अहमदाबाद भेजे गये दोनों बच्चे :

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सारण जिले से कुल दो बच्चों को दिल के ऑपरेशन हेतु अहमदाबाद भेजा जा रहा है. जिसमें एकमा व मांझी प्रखंड क्षेत्र के एक-एक बच्चे चयनित किए गए है. डॉ अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में बिहार के विभिन्न जिलों के कुल 21 बच्चे इस ऑपरेशन हेतु अहमदाबाद हेतु गुरुवार को अपराह्न में हवाई मार्ग से रवाना हों गए.

प्रखंड स्तर पर आरबीएसके की टीम करती है स्क्रीनिंग :

वहीं सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने बताया कि योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की पहचान के लिए जिलास्तर पर स्क्रीनिंग की जाती है. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल होते हैं. जहां से बच्चों को इलाज के लिए आइजीआइएमएस या फिर अहमदाबार रेफर किया जाता है. स्क्रीनिंग से लेकर इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है. किसी बच्चे के हृदय में छेद हो जाता है तो किसी को जानकारी रहती नहीं है. बाद में कुछ उम्र के बाद बच्चों को कई तरह की कठिनाई होने लगती है. इसको ध्यान में रखते हुए यह बच्चों की निःशुल्क जांच एवं ईलाज की व्यवस्था की गयी है.

एंबुलेंस की भी सुविधा नि:शुल्क :

सिविल सर्जन डॉ जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि बाल हृदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है. बच्चों को घर से अस्पताल या अहमदाबाद जाने के लिए एयरपोर्ट, या अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या प्राइवेट वाहन की सुविधा मुहैया करायी जाती है. जिसका खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाता है. आरबीएसके कार्यक्रम मुख्य रूप से बच्चों के बीमारी दूर करने का कार्यक्रम है. इसके तहत कई बीमारी का इलाज किया जा रहा है. टीम के सदस्य ऐसे गांव में पीड़ित परिवार से जाकर मिलते हैं. उन्हें सरकारी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं. इसके बाद बच्चों का इलाज होता है. (सेंट्रल डेस्क).

You might also like

Comments are closed.