पटना : कोरोना के तीसरे लहर और ब्लैक फंगस से बचाव के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनपी नारायण और डेंटिस्ट डॉ शुभम ने दिए टिप्स
प्रदेश में करोना कि रफ्तार मे अंकुश तो लग गया है, पर करोना के तीसरी लहर मे इस बार बच्चो पर घातक प्रभाव पड़ सकता है. यह कहना है पटना के जाने माने शिशु विशेषज्ञ डॉ एनपी नारायण का.
अभी भारत से बात करते हुए डॉ एनपी नारायण ने बताया कि इसका मुख्य वजह है कि धीरे धीरे बड़े लोगो में यह संक्रमण बढ़ता जायेगा और जो ग्रुप जनसंख्या बच गया है बच्चो का उनके चपेट में आने की संभावनाएं रहेंगी. उन्होंने आगे बताया कि करोना के पहली लहर में बच्चों में इसका संक्रमण तीन प्रतिशत, दूसरी लहर में बारह प्रतिशत, जो उन्नीस से कम थे इस बार तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चे प्रभावित होंगे. उन्होंने इसके रोकथाम के लिए कई टिप्स भी दिया हैं. उनकी मानें तो इस तृतीय लहर को रोकने ले लिए पूरी तरह से जागरूकता रखना होगा. इसके लिए हमलोग ने सेल्फ लॉकडाउन के बारे मे सोचना होगा. उन्होंने कहा कि तीसरे फेज में बच्चो में यह उतनी प्रभावित नही होगी, उतना संक्रमण तीव्र नही होगा. उन्होंने जोड़ देकर कहा कि बच्चो को बचाना है तो खुद जो वयस्क हैं, जो माता-पिता है और दादा-दादी है अपने आप पर नियंत्रण रखते हुए बाहर जाना कम करे और बाहर जाना पड़े तो मास्क जरूर लगाकर जाए. किसी को बुखार हुआ तो सभी को मास्क पहनना होगा और तुरंत उसकी जांच करानी है और इसको आइसोलेशन में रखना होगा. बच्चो में कोरोना ज्यादा तीव्र गति से प्राभावित नहीं कर रहा है, लेकिन जब बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे तो घातक परिणाम होंगे. उनका भी आंकड़ा बढ़ेगा.
वहीं पटना की डेंटिस्ट डॉ शुभम ने बताया कि थोड़ी सावधानी से ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लक्षण को देखकर इसे नजर अंदाज नहीं करते हुए तुरंत डॉक्टर की निगरानी में जाकर इसकी जांच करानी चाहिए. शुरुआती इलाज में मरीज को तुरंत लाभ मिलने लगता है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के चलते आंखो की रौशनी चली जा सकती है, आंखो का लालीपन, चेहरे मे सूजन, जबड़े के नीचे भी सूजन जैसे लक्षण दिखते है. हालांकि उन्होंने आगे कहा कि गंभीर बीमारी वाले इसकी चपेट में आते है. कैंसर, शुगर जैसे मरीज ज्यादा प्रभावित होते है. उन्होंने इसके लिए लोगो को जागरूकता होने की भी अपील की. (अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट).
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