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छपरा : फाइलेरिया मरीजों के बीच कीट का हुआ वितरण, बचाव के बारे में दी गयी जानकारी

छपरा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. मरीजों के बीच रोग नियंत्रण और घरेलू प्रबंधन के लिए उपचार किट प्रदान किया गया है. इसमें टब, साबुन, दवा भी साथ में दी जाती है. फाइलेरिया के रोगियों को अपने पांव का अधिक ख्याल रखना चाहिए. लोगों को फाइलेरिया के कारण व बचाव के प्रति सचेत किया जा रहा है.

बता दें कि फाइलेरिया एक परजीवी रोग है. रोग का फैलाव मच्छर के काटने से फैलता है. इससे शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन, हाइड्रोसील और हाथीपांव के रूप में प्रकट होता है. डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने एमएमडीपी किट के एक्सरसाइज करने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सब से पहले नॉर्मल पैर को धोना है. उसके बाद इफेक्ट पैर को धोना है. तौलिया से दबाकर पोछना है. जहां कटा हुआ है उसे सूती कपड़ा से साफ करने के बाद मलहम लगाना है. हमें प्रतिदिन एक्सरसाइज करना है. आगे उन्होंने बताया कि टब का पानी ऐसी जगह फेकना है जहां कोई बच्चा उस पानी को न पिए. जिले के सभी प्रखंडो में फैलेरिया मरीजों के बीच किट का वितरण किया जा रहा है.

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया :

डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया की फैलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. हमें मच्छरदानी लगा कर सोना चाहिए, घर के आस-पास साफ-सफाई रखना चाहिए. साल में एक बार फाइलेरिया और हाथी पॉव से बचाव के लिए दवा खिलाया जाता है. जो व्यक्ति स्वस्थ एवं योग्य है, उन्हें दवा जरूर खाना चाहिए.

दवा सेवन है जरूरी :

प्रत्येक वर्ष फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार की तरफ से एम डी ए प्रोग्राम चलाया जाता है. सर्वजन दवा सेवन के अंतर्गत 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक गोली और डीसी का तीन गोली खिलाया जाता है. एमएमडीपी किट का एक्सरसाइज कैसे करना है इस पर विस्तार पूर्वक से बताया. टब का पानी ऐसी जगह फेकना है जहां कोई बच्चा उस पानी को ना पिए. (सेंट्रल डेस्क).

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