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पाकुड़ : अवैध कोयला उत्खनन को लेकर डीसी ने दिए जांच के आदेश

मुस्ताक आलम

झारखण्ड के पाकुड़ में उपायुक्त ने एक टीम गठित कर लिट्टीपाड़ा के सिमलोंग क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन के स्थानों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद डीएफओ रजनीश कुमार और एसडीपीओ श्रवण कुमार के नेतृत्व में टीम ने उक्त क्षेत्र में जांच कर तकरीबन आधे दर्जन अवैध उत्खनन को जांच किया है.

उल्लेखनीय है कि बड़ा घघरी के समीप सिमलोंग पहाड़ पर पिछले सप्ताह अवैध उत्खनन करने के दौरान 40 वर्षीय कॉम्बे पहाड़िया का चाल धंसने से मौत हो गई थी. उक्त मामला पुलिस की उदासीनता के कारण तकरीबन रफा दफा हो गया. क्योंकि 24 घंटा के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. जबकि पास में ही सिमलोंग ओपी है इसके बावजूद पुलिस तबतक वहां नही पहुंच सकी जब तक की मीडिया वालों ने पुलिस से घटना के बाबत पूछताछ नही की. आश्चर्य है कि क्षेत्र के इतने स्थानों पर अवैध कोयला उत्खनन हो रहा है, निश्चित रूप से इन कोयलों की धुलाई भी विभिन्न माध्यमों से सड़क मार्ग के द्वारा हो रहा है. ऐसे में पुलिस को अवैध उत्खनन की जानकारी न रहना अपने आप में आश्चर्य का विषय है. वन भूमि पर इस तरह अवैध कोयले की खुदाई होना और क्षेत्र के वन पदाधिकारियों को इस बात की भनक तक न लगना किसी के गले नही उतरती. इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि वन विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों वन पालों एवं पुलिस के मौन स्वीकृति के साये में ही इस तरह के अवैध उत्खनन फल और फूल रहे हैं. पिछले दिन मुफस्सिल थाना पुलिस ने सदर प्रखंड के पाली गांव के पास खेत से चार ट्रेक्टर कोयला उठाकर मुफ्फसिल थाना लाया,लेकिन पता नही किस आधार पर कोई मामला दर्ज नही हुआ.

मुफस्सिल थाना का कोई भी पदाधिकारी इस विषय पर सीधे तौर पर कुछ भी बताने से इनकार करते हुए मामले से अपनी अनभिज्ञता दिखाते हैं. दबी जुबान से यह कहा जा रहा है कि कोयले का कागजात प्रस्तुत करने के बाद उसे छोड़ दिया गया. खेत मे लावारिश पड़े कोयले को जब चार ट्रैक्टरों में भरकर पंद्रह किलोमीटर दूर तक थाने में पुलिस कोयले को लाती है तो इस बीच कोई दावेदार प्रस्तुत नही होता एक दिन के बाद अचानक किस दावेदार ने और कौन से खनन क्षेत्र का या खादान का चलाना पुलिस के समक्ष रख दिया यह अपने आप मे जांच का विषय है.

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