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सीवान : कड़ी मेहनत, लगन और जज्बे के कारण श्वेता ने अपने डांस सेंटर ‘नटपा’ को दिलाई अलग पहचान

कहते हैं कि इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा और चाहत हो तो उसके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं. कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से इंसान अपने मुकाम को हासिल कर लेता है. इस बात को सच साबित कर दिखाया है सीवान जिले की कथक नृत्यांगना श्वेता श्रीवास्तव ने. श्वेता सीवान में अपनी खुद का डांस सेंटर चलाती हैं. जिसका नाम है नृत्योदय द परफॉर्मिंग आर्ट्स. नटपा के नाम से पूरे जिले में मशहूर श्वेता का यह डांस सेंटर अपने नृत्य कला की समर्पण भावना के लिए इस कदर प्रसिद्ध हो चुका है कि पिछले पांच माह से कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन के बीच भी इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नही आई है और नृत्य कला की शौकीन महिलाएं, युवतियां व लड़कियां ऑनलाइन क्लास के माध्यम से नृत्य का प्रशिक्षण ले रही हैं.

बता दें कि नृत्य कला में प्रभाकर व भास्कर उर्त्तीण श्वेता का जन्म 07 अक्टूबर 1987 को हुआ था. उनके पिता अजय कुमार श्रीवास्तव वर्ष 2017 में सीवान के सुपौली उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद से अवकाश प्राप्त हुए हैं. एक शिक्षक की बेटी होने के बावजूद श्वेता का बचपन से ही नृत्य कला से काफी लगाव रहा है. स्कूली शिक्षा के दौरान वे अपने विद्यालयों में विभिन्न अवसरों पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रही और उनकी यही रुचि बाद में उनका जुनून बन गया. नृत्य कला से लगाव होने की वजह से वे वैवाहिक बन्धन में बंधना नहीं चाहती थी. लेकिन, उनके सपने को उनके पति और सीवान के जाने-माने पत्रकार व विधि परामर्शदाता अभिषेक श्रीवास्तव व ससुराल वालों ने और गति देने का काम किया. 04 फरवरी 2013 को अभिषेक श्रीवास्तव से दांपत्य सूत्र में बंधने वाली श्वेता बताती है कि विवाह बाद ससुराल आने पर उन्हें अपने पति और ससुराल वालों का काफी सहयोग मिला. जिसके कारण उन्होंने अपनी खुद की डांस सेंटर नृत्योदय द परफॉर्मिंग आर्ट्स (नटपा) की स्थापना करने में सफल हुई. वे बताती हैं कि शादी से पूर्व वे अपने घर के बाहर वाले बरामदे में मुहल्ले की कुछ बच्चियों को डांस सिखाती थी. लेकिन उन्हें हमेशा से एक अच्छे से हॉल में अपनी डांस क्लास चलाने की इच्छा थी. विवाह के बाद ससुराल आने पर जब उनके ससुरालवालों को उनकी इस इच्छा का पता चला तो उन्होंने घर के बाहर कैम्पस में बने एक छोटे से बैठक हॉल में डांस क्लास चलाने की अनुमति दी. जिसके बाद उन्होंने नृत्योदय द परफॉर्मिंग आर्ट्स के नाम से केवल लड़कियों के लिए अपने इस डांस सेंटर की शुरुआत की. छोटे से कमरे से शुरू हुआ यह डांस सेंटर नृत्योदय द परफॉर्मिंग आर्ट्स अपने शार्ट नेम नटपा के नाम से पूरे जिले में विख्यात हो गया. नटपा की प्रसिद्धि का पता इसी बात से चलता है कि उसमे शहर की कई प्रसिद्ध महिला चिकित्सकों, अच्छे और नामी-गिरामी घरानों की बच्चियों के साथ-साथ जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों से भी लड़कियां और युवतियां नृत्य का प्रशिक्षण लेने आती हैं. वहीं जिले के कई बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बच्चियां भी यहां प्रशिक्षण ले चुकी है.

आज श्वेता का अपने तीन मंजिले ससुराल की इमारत में सेकेंड फ्लोर अपना बड़ा सा सुसज्जित हॉल और ऑफिस है. जहां वे करीब ढाई सौ प्रशिक्षु नृत्यांगनाओ को शास्त्रीय से लेकर पाश्चात्य शैली के विभिन्न नृत्यों का प्रशिक्षण देती हैं. साथ ही खास अवसरों पर अपने यहां डांडिया डांस, गरबा, सावन महोत्सव व सामूहिक होली नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करती हैं. यह श्वेता की मेहनत का ही परिणाम है कि संस्था को प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद द्वारा प्रशिक्षु छात्राओं को पंजीयन की सुविधा प्रदत की गई है. नटपा की खासियत है कि सीवान जिला प्रशासन द्वारा बिहार दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और जिला स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में हर बार एक अलग नृत्य शैली का कार्यक्रम पेश किया जाता है. जिसे दर्शक भी खूब सराहते हैं. नृत्योदय के कलाकारों की प्रस्तुति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा उसे अपने कार्यक्रमों की प्रतियोगिता सूची से निकाल शहर की नामचीन संस्थाओं की श्रेणी में कला निकेतन और इप्टा के साथ रखा गया है. जिन्हे हर कार्यक्रम में अलग से पुरस्कृत और सम्मानित किया जाता है. वहीं श्वेता की प्रतिभा को देखते हुए शहर के एक ख्यातिप्राप्त निजी विद्यालय वातायन ने उन्हें अपने यहां नृत्य की विशेष प्रशिक्षिका के तौर पर नियुक्त भी किया है.

नृत्य कला के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण के रूप में विख्यात श्वेता अपने डांस सेंटर के अलावे इंटरनेट के माध्यम से विश्व स्तर पर नृत्य विद्या को प्रचारित-प्रसारित कर रही हैं. श्वेता का वर्ल्ड वाइड नेटवर्क YouTube पर कई सारे चैनलों के अलग-अलग शैली का वीडियो प्रशिक्षण दिया जाता है. श्वेता के YouTube चैनल को पूरे विश्व के लोग फॉलो कर रहे हैं. वहीं उनका www.nrityoday.blogspot.com के नाम से एक ब्लॉग भी चलता है. जिस पर क्लासिकल और वेस्टर्न दोनों नृत्यों के बारे में प्रतिदिन आलेख प्रकाशित होता है. कोरोना काल और लॉकडाउन में श्वेता का यह ऑनलाइन डांस क्लास काफी फेमस हो गया है. कई ऑनलाइन एप्पलीकेशन के अलावें वे यूट्यूब लाइव स्ट्रीम और फेसबुक पर निःशुल्क लाइव प्रशिक्षण भी दे रही हैं, जिसमें दुनिया भर के लोग शामिल हो रहें हैं.

आज श्वेता एक चार साल की मासूम और प्यारी सी बच्ची अभ्यांशी उर्फ नूनू की मां भी हैं. बच्ची की परवरिश, पति और परिवार के देखभाल की सारी जिम्मेवारी के बावजूद उनकी मेहनत और लगन में कोई कमी नहीं आई है. वे रोजाना ऑनलाइन होकर न सिर्फ संस्थान की प्रशिक्षु नृत्यांगनाओं को नृत्य प्रशिक्षण देती है और बल्कि डेढ़ घन्टा सुबह शाम नृत्य का अभ्यास भी करती हैं. वहीं श्वेता छतीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से कथक में दूरस्थ शिक्षा द्वारा मास्टर डिग्री की पढ़ाई भी कर रही हैं. साथ ही लखनऊ की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना श्रीमती मनीषा मिश्रा से नृत्य का प्रशिक्षण भी ले रही हैं. श्वेता का कहना है कि नृत्य हमारे देश की प्राचीन कलाओं में से एक है. इसे संजोना और सीखना-सिखाना गर्व की बात है. जरूरत है हर लोगों को इसके प्रति सजग और सहज होने की, तभी इस कला को हर घर की बेटी संजो सकती है. (सेंट्रल डेस्क).

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