सीवान : रमेश मिश्रा के पांचवीं बार एनएफआइआर के जोनल सेक्रेटरी बनने पर रेलकर्मियों ने दी बधाई, विनोद राय असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी एनएफआईआर नियुक्त

सीवान || राजधानी दिल्ली के करनैल सिंह स्टेडियम में रेलकर्मियों ने निजीकरण और एनपीएस के खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद की और प्रदर्शन किया. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) और उत्तर रेलवे मज़दूर यूनियन (ऊरमू) का 31वां राष्ट्रीय अधिवेशन के बीच रेल कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इसमें देशभर से आए करीब 15 हज़ार रेलकर्मियों ने भाग लिया. इस मौके पर केन्द्रित कार्यकारी अध्यक्ष पीआरकेएस रमेश मिश्रा को तीसरी बार एनएफआइआर का जोनल सेक्रेटरी बनने पर बधाई दी गई. वहीं विनोद राय को असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी एनएफआईआर नियुक्त किया गया.
इस मौके पर रमेश मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के हित से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि रेलवे कर्मचारियों के बिना भारतीय रेल की प्रगति संभव नहीं है. उन्होंने सरकार को साफ संदेश दिया है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो आने वाले समय में यह संघर्ष और भी तेज होगा. वही विनोद राय ने कहा कि रेलवे का निजीकरण कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी जनता के लिए घातक है. यह अधिवेशन देश की सरकार और जनता दोनों को कर्मचारियों की ताकत का संदेश दे रहा है.।उन्होंने कहा कि ओपीएस बहाली और संविदा कर्मियों का स्थायीकरण हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हम इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
इस अवसर पर पीआरकेएस वाराणसी के मंडल मंत्री श्याम झा ने दोनों लोगों को बधाई देते हुए कहा कि आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप दोनों के कुशल नेतृत्व में कर्मचारियों के सभी हित पूर्ण होंगे. वही पीआरकेएस के मीडिया प्रभारी सन्नी वर्मा ने कहा कि रेलवे देश की जीवनरेखा है और इसे प्राइवेट हाथों में सौंपना न सिर्फ लाखों कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह आम जनता के लिए भी घातक होगा. इससे किराये बढ़ेंगे, सेवाओं की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को उनके बुढ़ापे में एक गारंटीशुदा पेंशन देती थी लेकिन नई पेंशन योजना पूरी तरह से शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर है. वर्मा ने कहा कि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. (ब्यूरो रिपोर्ट).