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सीवान : जिले से पटना के लिए रेल यातायात की सुविधा की मांग को लेकर रेल संघर्ष समिति का हुआ गठन, डॉ ख़्वाजा एहतेशाम अहमद बने सचिव


सीवान में रविवार को जैक मल्टी स्पेशीयलीटि हास्पीटल के परिसर में सारण प्रमंडल के छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के प्रबुद्ध नागरिकों की आवश्यक बैठक अरुण सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में रेल प्रशासन द्वारा सारण प्रमंडल के उपेक्षा पर घोर आक्रोश व्यक्त किया गया.

बैठक में बताया गया कि राज्य की राजधानी पटना सीवान से लगभग 130 किलोमीटर है और नागरिकों को पटना जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर सुविधाओं का घोर अभाव है, जबकि यहां से करोड़ों रुपये की आय रेलवे को होती है. सुविधाओं के लिए जगह-जगह नागरिकों द्वारा आवेदन दिये जाते रहे हैं, लेकिन संबंधित पदाधिकारियों ने उस पर ध्यान न देकर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया. इन्हीं परिस्थितयों में विचारोपरांत रेल संघर्ष समिति का गठन किया गया. जिसके अध्यक्ष युगुल किशोर दुबे, उपाध्यक्ष शिव नरायन बारी, एसरार अहमद अंसारी, सचिव डॉ ख़्वाजा एहतेशाम अहमद, संयुक्त सचिव परमा चौधरी, शशि कुमार, कोषाध्यक्ष प्रो उपेन्द्र नाथ यादव, संयोजक मार्कंडेय, कार्यकारणी अरुण सिंह, राम नरेश सिह व रामायण सिंह आदि मनोनित किये गये तथा पांच स्थान रिक्त रखा गया है.

बैठक में 12 सूत्री मांग पत्र सर्वसम्मति से पारित किया गया. वहीं डॉ ख़्वाजा एहतेशाम ने बताया कि आज स्थिति यह है कि सीवान से पटना जाने के लिए कोई सुविधा रेल द्वारा ठीक से उपलब्ध नहीं है जबकि रोजाना ना जाने कितने कर्मचारी पटना में जाकर के काम करते हैं और वापस लौटने की चाहत भी रखते हैं. विभिन्न रोगियों को रोजाना पटना जाने की आवश्यकता पड़ती है, परंतु रेल सुविधा के अभाव के कारण उनका आर्थिक दोहन विभिन्न माध्यमों से हो जाता है. अच्छे इलाज के लिए रोगियों को बनारस जाने की आवश्यकता पड़ती है. बीएचयू में दिखाने के लिए परंतु रेलवे द्वारा यहां भी सुविधा नदारद है और लिक्षवी एक्सप्रेस हमेशा आमतौर पर कैंसिल ही नजर आती है. उन्होंने कहा कि रेल संघर्ष समिति अपनी मांगों में प्रमुख रूप से मांग करती है, जिसमें 12530 लखनऊ-पाटलिपुत्र, 15114 लखनऊ-छपरा एवं 05242 फुलवरिया-सोनपुर का परिचालन राजेन्द्र नगर टर्मिनल तक करने तथा सभी गाड़ियों का समय परिवर्तित कर कार्यालय अवधि के पूर्व राजेन्द्र नगर टर्मिनल तक पहुंचना सुनिश्चित किया जाए. 04453 छपरा-मऊ का परिचालन वाराणसी तक किया जाए. सिसवन ढाला ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए. वहीं इस हेतु जन जागरण, हस्ताक्षर तथा धरना-प्रदर्शन अभियान का कार्यक्रम चलाने का भी निर्णय लिया गया. (अभिषेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट).

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