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सीवान नगर परिषद् की सभापति बनी सिन्धु सिंह, उप सभापति की सीट पर बबलू साह ने जमाया कब्जा

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान नगर परिषद् के सभापति-उप सभापति पद के लिए शुक्रवार को चुनाव हुआ जिसमे वार्ड संख्या पांच की नव-निर्वाचित पार्षद सिन्धु सिंह ने जीत हासिल करते हुए सीवान नगर परिषद् के सभापति की सीट पर कब्ज़ा जमा लिया जबकि उप सभापति पद पर वार्ड 20 के पार्षद बबलू साह विजयी हुए. सिन्धु सिंह को अपने प्रतिद्वंदी प्रियंका देवी से एक मत ज्यादा प्राप्त हुआ. कुल 38 सदस्यों वाले सीवान नगर परिषद् के सभापति पद के लिए हुए इस चुनाव में सिन्धु सिंह को जहाँ कुल 19 मत प्राप्त हुए वहीं उनकी प्रतिद्वंदी प्रियंका देवी के हिस्से में 18 मत दिया गया जबकी एक मत को प्रशासन ने अवैध करार दिया.

बताते चले कि नगर परिषद के सभापति की सीट पर काबिज होने वाली सिन्धु सिंह सीवान जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के छोटे भाई और वार्ड पांच के पूर्व वार्ड पार्षद धनंजय कुमार सिंह की धर्मपत्नी हैं. सीवान नगर परिषद के वार्ड पांच के इस बार महिला सीट के लिए आरक्षित कर दिए जाने की वजह से निवर्तमान वार्ड पार्षद धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी सिन्धु सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था. चुनाव में सिन्धु सिंह ने वार्ड पांच से अनु देवी को पराजित किया था. चुनाव के दौरान वार्ड पांच रामनगर मोहल्ले में धनंजय सिंह और मनोज सिंह के समर्थकों और अनु देवी के पति प्रिंस उपाध्याय के समर्थको के बीच जमकर झड़प भी हुयी थी. जिसमे दोनों तरफ से गोलीबारी तक हुयी थी.

उधर, सीवान नगर परिषद् के निवर्तमान सभापति बबलू चौहान ने अपने वार्ड संख्या छ: के भी महिला सीट रिजर्व होने के कारण खुद की जगह अपनी पत्नी प्रियंका देवी को चुनाव मैदान में उतारा था जिसमे प्रियंका की जीत भी हुयी. नगर परिषद् के सभापति पद के लिए प्रियंका महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में खड़ी थी जबकि सिन्धु सिंह के भैसुर मनोज कुमार सिंह ने भारतीय जनता पार्टी में अपनी पैठ का इस्तेमाल करते हुए अन्य भाजपा समर्थित उम्मीदवारों यथा पूर्व नप सभापति अनुराधा देवी और भाजपा नेता सुबास चौहान की पत्नी रीता देवी के साथ-साथ पूर्व उप सभापति कर्णजीत सिंह उर्फ़ ब्यास सिंह की भाभी सरोज देवी को बैठा कर सिन्धु सिंह को एनडीए समर्थित उम्मीदवार घोषित करने में सफल हुए थे.

हालाकि पूर्व सभापति बबलू चौहान इस चुनाव को नियमानुकूल नहीं होना बता रहे हैं. उनके अनुसार, सभापति पद के लिए सदन के कुल सदस्यों की संख्या के आधा से एक ज्यादा मत प्राप्त करना आवश्यक होता है.

उपसभापति पद के लिए चुनाव में विजयी रहे बबलू कुमार को कुल 20 मत प्राप्त हुए जबकि प्रतिद्वंदी वार्ड 12 के पार्षद इरफ़ान खान को मात्र 18 मत मिले.

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