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सीवान : एनआरसी, एनपीआर और सीएए के खिलाफ भाकपा (माले) सहित वाम दलों ने बनाई विशाल मानव श्रृंखला

सीवान में शनिवार को एनआरसी, एनपीआर और नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने, बिहार विधानसभा में एनपीआर नहीं आने का प्रस्ताव लाने के लिए भाकपा माले सहित अन्य वामपंथी संगठनों और इंसाफ मंच के द्वारा संयुक्त रूप से विशाल मानव श्रृंखला बनाया गया.

इस अवसर पर बोलते हुए पार्टी के जिला सचिव व केंद्रीय कमेटी सदस्य नैमुद्दीन अंसारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमान तो सिर्फ बहाना है, संविधान बदलना असली निशाना है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान जहां जाति धर्म के आधार पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता, वहीं धर्मनिरपेक्ष देश की छवि और लोकतंत्र के खिलाफ यह नागरिकता संशोधन कानून देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने वाला कदम है. उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी, आसमान छूती हुई महंगाई, बदहाल शिक्षा और स्वास्थ्य को ठीक करने में भाजपा की मोदी सरकार पूरी तरह से फेल है. इसलिए मोदी-अमित शाह का हर फैसला सांप्रदायिकता के रंग वाला ही आ रहा है. पूरे देश की प्रगति, देश भक्त और इंसाफ पसंद हर आदमी आज सड़कों पर आंदोलन में है. उसमें नीति धर्म की रेखा डूब चुकी है, आज सवाल हिंदुस्तान और संविधान को बचाने का है. उन्होंने कहा कि आगामी पांच फरवरी को पटना के गांधी मैदान में इसको लेकर विशाल कार्यक्रम किया जाएगा, जिसमें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी शिरकत करेंगे.

वहीं मौके पर उपस्थित माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में संसद में वोट दिलवाएं और बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. अगर वे दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हिमायती हैं तो बिहार विधानसभा में एनपीआर और सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए संघर्ष करें. आज एन पीआर और सीएए जनता का प्रमुख सवाल है. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता का पक्ष में लड़ाई लड़ना मेरा फर्ज है. विधानसभा के बाहर हो या विधानसभा के भीतर कानून वापसी तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

वहीं पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि नोटबंदी की तरह फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लड़ाने की कवायद शुरू कर दिया है. यह देश सबका है, मोदी-अमित शाह को कोई अधिकार नहीं की धर्म और जाति के नाम पर नफरत की राजनीति करें.

इस मौके पर भाकपा (माले) नेत्री सोहिला गुप्ता, योगेंद्र यादव, शीतल पासवान, मुमताज अंसारी, इंसाफ मंच के शाहिद अहमद, एसरार अहमद अंसारी, गौतम यादव, विकास यादव, प्रदीप कुशवाहा, जय शंकर पड़ित, जगजीवन शर्मा, मनजीत कौर और मालती राम आदि उपस्थित थे. (रजनीश कुमार की रिपोर्ट).

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