सीवान के गुठनी में क्यों लगता है सुरक्षा-कर्मियों को डर ?…. जानने के लिए ख़बर को पढ़ें

प्रवीण तिवारी

बता दे कि गुठनी अंचल कार्यालय के ठीक पीछे ही सुरक्षा कर्मियो का बैरक है जिसमे कुल 4 कमरे है. जिनमे तीन कमरे पूरी तरह से टूट कर गिर गए है. एक कमरा जिसका कुछ हिस्सा गिर गया है. उसी मे सभी सुरक्षा कर्मी रहते है.
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सुरक्षा कर्मियो ने बताया कि सबसे ज्यादा कठिनाई बरसात व सर्दी के दिनो मे होती है. बरसात के दिनो मे तो रात भर जग के बिताना पड़ता है कि जो बचा हुआ छत है वो भी न टूट जाये. उन्होने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी तो हथियारों के लिए है, क्योंकि हथियार रखने के लिए न कोई रूम ही बढ़िया है और न ही कोई इसका बैकल्पिक ब्यवस्था ही है.
सुरक्षा मे लगे जवानो का कहना है सबसे ज्यादे दु:ख तब होता है जब हम ड्यूटी से आते है और आराम करने के लिए कही दूसरी जगह जा कर सोना पड़ता है. बरसात के दिनो मे जवानो को खुले आसमान के नीचे खाना बनाना पड़ता है. सोते वक्त कई बार छत भी टूट कर गीरा है. जिसमे जवान घायल होने से बाल बाल बचे हैं.
जवानों की यह भी शिकायत है कि इस संबंध में कई बार लिखित जानकारी होमगार्ड के जिला समादेष्टा, पुलिस अधीक्षक, डीएम व स्थानीय सीओ को भी दिया है. लेकिन, आज तक इस पर कोई करवाई नही हुई. जवानो का कहना है कि शायद विभाग कोई बड़ा हादसा होने के राह देख रहा है. वहीं इस सम्बंध में सीओ रामवचन राम ने बताया कि इसकी के बारे में लिखित जानकारी हमने अपने स्तर से वरीय अधिकारियों को दिया है शीघ्र ही सुरक्षाकर्मियों के रहने की अन्यत्र व्यवस्था की जाएगी.
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