सीवान : कचहरी में अभी नही होगी दीवानी मामलों की सुनवाई, जिला जज ने हाई कोर्ट के निर्देश पर कार्य प्रारंभ करने की कही बात
सीवान में अभी न्यायिक कार्य पूर्ण रूप से सुचारू नहीं होंगे. इस बात का संकेत देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज शंकर ने कहा है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ही न्यायालय का कार्य संपादित होगा.
बता दें कि कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण व्यवहार न्यायालय में लगभग सारा काम बंद था. इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अति आवश्यक कार्यो को छोडकर अन्य सभी कार्य बंद करने का आदेश दिया गया था. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यो की सुनवाई भी वर्चुअल मोड में चल रही है. जिसके कारण विधि व्यवसाय में लगे हुए अधिवक्ता समाज एवं उनसे जुड़े लोग विगत 24 मार्च से घरो में बैठने को बाध्य हो गए. जिससे उन लोगो के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया. लॉकडाउन 5.0 में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कुछ रियायतो के साथ न्यायालय में केटेगरी I ,II और III में वर्णित निर्देशो के अनुसार प्रथम पाली में शारीरिक रूप से उपस्थित हो कर एवं द्वितीय पाली में वर्चुअल मोड में विशेषकर आपराधिक मामलों में कार्य कर सकेंगे.
विदित हो को न्यायालय परिषर में अधिवक्ताओ के अलावा किसी अन्य का प्रवेश नही होगा. न्यायालय में एक साथ चार ही अधिवक्ता मास्क के साथ उपस्थित होंगे ओर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. न्यायालय के प्रवेश पर थर्मल स्कैनर से जांच करने के पश्चात ही परिषर में प्रवेश की अनुमति है. दीवानी संबंधित वादो के संबंध में दीवानी वाद के वरीय अधिवक्ता लल्लन मिश्रा के नेतृत्व में कुछ अधिवक्ताओ ने जिला जज से मुलाकात कर दीवानी मामलों में भी सामान्य रूप से कम काज प्रारम्भ करने का आग्रह किया. इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिला जज मनोज शंकर ने बताया कि इस सन्दर्भ में माननीय उच्च न्यायालय से पत्राचार कर मार्गदर्शन के पश्चात ही कोई कारवाई की जाएगी. मिलने वाले अधिवक्ताओ में अनिल मिश्रा, अशोक सिंह, जय नाथ सिंह व राजू मिश्रा आदि शामिल थे. (सेंट्रल डेस्क).
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