Abhi Bharat

सीवान : गुठनी में सरयू नदी के अचानक बढ़े जलस्तर से किसान चिंतित

सीवान || जिले के गुठनी प्रखंड मुख्यालय से होकर गुजरने वाली सरयू नदी के अचानक बढ़ते जलस्तर से किसानो के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. इसका सबसे बड़ा कारण भीषण गर्मी और सुखाड़ के बाद अब बाढ़ और जलजमाव का लगातार उन्हें सामना करना पड़ रहा है. इस का मुख्य कारण सरयू नदी के दुबारा जलस्तर बढ़ने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से घुस गया है, जिससे करीब 530 एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गई है. जबकि 16 गांवो के किसानो के सामने खरीफ फसलों की खेती को बचाने की भी कोई विकल्प नहीं है.

किसानो का कहना है की पहले से खेतो मे बाढ़ का पानी जमा हुआ था, अब दुबारा बाढ़ आने से खेतो में लगे पानी को निकल से महीने लग जाएंगे. सरयू नदी और गंडक में लगातार तीसरे दिन जलस्तर में वृद्धि जारी है, जिससे आधा दर्जन से अधिक गांव के निचले इलाकों में पानी घुस गया. जल संसाधन विभाग के जेई मदन मोहन ने बताया की सरयू नदी का वर्तमान जलस्तर 60.58 है. सरयू नदी का डेंजर लेवल से 60.82 और वार्निंग लेबल 59.82 से 1.01 सेंटीमीटर उपर बह रही है. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरयू नदी का वार्निंग लेबल 59.82 है और वर्तमान जलस्तर 60.58 है.

खरीफ खेती के लिए मुसीबत बना बाढ़ का पानी

गुठनी और दरौली में जहां सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं जलस्तर बढ़ने के बाद नदी का पानी निचली इलाकों में घुस रहा है, जिससे कृषि योग्य भूमि पूरी तरह बाढ़ की पानी में घिर गई है. किसानों के सामने समस्या इस बात की है कि अगर धान की बुवाई करते हैं, तो भी पूरी फसल सड़ गल कर बर्बाद हो जाएगी. वहीं मक्का, मूंगफली, अरहर की खेती भी पूरी तरह बर्बाद हो रही है. जिन किसानों ने खरीफ फसल की खेती नहीं की है, वह पानी के हटने का जब तक इंतजार करेंगे तब तक उनकी खेती और भी पीछड़ जाएगी.

विभाग ने गोगरा तटबंध पर शुरू किया निगरानी

सरयू नदी में बढ़ते जलस्तर से जहां तक तटवर्ती इलाकों में बसे लोगों की नींद उड़ा दी है. वहीं विभाग ने गोगरा तटबंध पर निगरानी भी बढ़ा दिया है. विभाग द्वारा गोगरा तटबंध और सीमावर्ती इलाकों का दौरा और निरीक्षण किया गया है. बावजूद लोगों में आक्रोश इस बात से है कि विभाग द्वारा बाढ़ से पूर्व कोई तैयारी और जांच नहीं की गई. जब जलस्तर बढ़ने लगता है, तब खानापूर्ति के लिए विभाग निगरानी और जांच शुरू कर रहा है और उसका नतीजा शून्य है. बाढ़ का असर सोहगरा, सोनहुला, श्रीकरपुर, गोहरुआ, गुठनी, योगियाडीह, तिरबलुआ, ग्यासपुर, दरौली, नरौली, केवटलिया गांव से सटे इलाकों पर होता है. (सेंट्रल डेस्क).

You might also like

Comments are closed.