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पटना : डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मुंबई पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, मुंबई पुलिस कमिश्नर ने उनके कॉल और एसएमएस तक का नही दिया जवाब

फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में उनके पिता द्वारा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर केस कराए जाने के बाद बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस के बीच खींचतान पटना सिटी के एसपी आईपीएस विनय तिवारी के क्वारंटाइन किए जाने के बाद जहां खुलकर सामने आ गई. वही अब बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने महाराष्ट्र के मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए स्पष्ट तौर पर कह दिया कि मुंबई पुलिस इस मामले में बिहार पुलिस का कोई सहयोग नहीं कर रही है बल्कि शुरू से ही उनका और सहयोगात्मक रवैया रहा है. उन्होंने कहा कि आईपीएस ऑफिसर और पुलिस अधिकारी होने के नाते वे लगातार मुंबई पुलिस की खामियों पर पर्दा डालते हुए बयान दे रहे थे. लेकिन, मुंबई पुलिस ने अपनी सारी सीमाओं को पार करते हुए एक बिहार के आईपीएस अधिकारी को क्वारंटाइन किए जाने के नाम पर हाउस अरेस्ट करके अपने असहयोग को साबित कर दिया. उन्होंने कहा कि मामले में शुरू से ही मुंबई पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद रही है. टेलीविजन चैनल से बात करते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि 14 जून को फिल्म एक्टर सुशांत सिंह की आत्महत्या की खबर आने के अगले रोज यानी 15 जून को ही उन्होंने निजी तौर पर मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को फोन किया था. लेकिन, उन्होंने उनका फोन रिसीव नहीं किया. जिसके बाद उन्होंने अपना परिचय देते हुए उन्हें एसएमएस के थ्रू मैसेज भी किया और सुशांत सिंह आत्महत्या मामले की डिटेल्स जानने की कोशिश की. गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि 15 जून से लेकर आज तक मुंबई पुलिस कमिश्नर ने उनके फोन कॉल और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया.

गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मुंबई पुलिस के रवैए से यह साफ हो गया है कि मुंबई पुलिस बिहार पुलिस को केस की तरफ जाने देना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि मामले में दो दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है, जिसके बाद यह तय होगा कि बिहार पुलिस मुंबई में जाकर मामले की जांच कर सकती है या नहीं. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस अथवा वहां के किसी भी व्यक्ति से उनकी या बिहार पुलिस की कोई निजी अदावत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे चंद ऑफिसर वहां जाते हैं जबकि उनके पास पूरी पुलिस फोर्स है ऐसे में बिना उनके सहयोग के किसी भी तरह का इन्वेस्टिगेशन कर पाना बिहार पुलिस के लिए संभव नहीं. वहीं उन्होंने मुंबई में मौजूद जांच के लिए गए अपने अधिकारियों की जान के खतरे की भी आशंका जाहिर करते हुए बताया कि फिलहाल जांच के लिए गए बिहार के चारों पुलिस अधिकारी भूमिगत होकर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए छिपे हुए हैं.

बता दें कि मुंबई में सुशांत सिंह हत्या की जांच के लिए गई बिहार पुलिस की टीम के साथ बीते दिनों मुंबई पुलिस द्वारा अशोभनीय व्यवहार किए जाने की तस्वीर मीडिया में जोरो से वायरल हुई. जिसमें दिखाया गया कि मुंबई क्राइम डीसीपी से मिलने गई बिहार पुलिस की टीम को ऑफिस से बाहर निकलने पर मुंबई पुलिस द्वारा अपने कब्जे में लेते हुए उन्हें पुलिस लाइन में जबरन बिठा कर बाहर ले जाया गया. वहीं इसके बाद रविवार को मामले के रिव्यु के लिए पटना से मुंबई के आईपीएस अधिकारी और पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी जब रविवार की देर रात सुशांत सिंह की एक्समैनेजर दिशा सालियान की हत्या मामले में तहकीकात कर रहे थे तो मुंबई महानगरपालिका बीएमसी के अधिकारियों ने वहां धावा बोलते हुए उन्हें अपने कब्जे में लेकर 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन कर दिया. आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी के इस प्रकार जबरन क्वारेंटाइन किए जाने के बाद से ही बिहार पुलिस और बिहार सरकार ने अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं.

उधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को सुशांत सिंह के परिजनों द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग किए जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने के आदेश दिए हैं. (सेंट्रल डेस्क).

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