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नवादा : सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और थूकने पर लगी रोक, छः महीने की जेल या 200 रुपये लग सकता है जुर्माना

नवादा में जिला पदाधिकारी यश पाल मीणा के द्वारा जिला वासियों के लिए आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम (कोटपा) 2003 की धारा-4 के अनुसार सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित रहेगा. प्रतिबंधित स्थलों पर धूम्रपान निषेध का उल्लंधन करने पर दंड स्वरूप 200 रूपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ खतरा है और संचारी रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है. तंबाकू सेवन करने वालो की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है. थूकने के कारण कई गम्भीर बीमारियों यथा कोरोना (कोविड-19), इन्सेफलाईटिस, यक्ष्मा, स्वाईन फ्लू इत्यादि के संक्रमण फैलने की संभावना प्रबल रहती है. तम्बाकू सेवन करने वाले लोग गंदगी फैलाकर वातावरण को दूषित करते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने के लिए उपयुक्त परिस्थति तैयार होती है. तम्बाकू सेवन के उपरान्त उसे यत्र-तत्र थूकने को निषिध करने के साथ वातावरण को स्वच्छ रखने मे सहयोग मिलेगा. साथ ही यह कदम कोरोना (कोविड-19) जैसी महामारी से बचाने तथा स्वच्छ भारत अभियान में अहम योगदान होने के साथ ही जन-स्वास्थ्य की उच्च गुणवत्ता सुनिष्चित करेगा.

गौरतलब है कि कोविड-19 को विष्वव्यापी महामारी धोषित किया जा चूका है. इससे रोकथाम एवं बचाव हेतु कई तरह के दिशा-निर्देश सरकार द्वारा जारी किए गए हैं. भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 268 या 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि विधि के विरूद्ध अथवा उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवण के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभावित हो, उस व्यक्ति को छः माह तक का कारावास अथवा 200 रूपये तक का जुर्माना से दंडित किया जाएगा. जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नवादा जिला के सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान एवं परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थान एवं परिसर तथा सभी थाना एवं परिसर में किसी प्रकार का तंबाकू पदार्थ यथा सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा इत्यादि का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित करने का निर्देष दिया गया है. यदि कोई भी पदाधिकारी, कर्मी, कर्मचारी, आगंतुक उक्त नियम का उल्लंधन करते हैं तो उल्लंघन कर्ताओं पर नियामानुकूल कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है. (सन्नी भगत की रिपोर्ट).

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