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नालंदा : आंध्रप्रदेश कैमिकल ब्लास्ट में मरने वालों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

आंध्रप्रदेश के एलुरु जिले में अक्कीरेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में  ब्लास्ट में मरने वालों में चार मजदूर बिहार के नालंदा जिले का रहने वाले थे. दो मजदूर कारू रविदास और सुभाष रविदास चण्डी प्रखण्ड के हबीबुल्लाह चक गांव का रहने हैं. जबकि हरनौत प्रखंड के रामसंग डिहरा के मनोज कुमार और वासनीमा गांव के अबधेश रविदास शामिल हैं. वहीं मुनारक पासवान और रवि रविदास गंभीर रूप से जख्मी है. अहले सुबह घर वालों को सूचना जब उनकी मौत की खबर मिली तो गांव में चीख पुकार मच गयी. अन्य ग्रामीण अपने कमाऊ सदस्य की हाल जानने को व्याकुल दिखे.

सूचना मिलते ही चंडी के अंचलाधिकारी कुमारी आंचल और हरनौत के अंचलाधिकारी नीरज कुमार सिह गांव पहुंचकर परिवार मिलकर उन्हें सरकार के तरफ से मिलने वाली हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया. वहीं चंडी प्रखंड पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार ने मृतक के परिवार से सरकार से हर संभव सहायता प्रदान करने की मांग सरकार से की. लॉकडाउन की मार झेलने के बाद करीब पांच माह पूर्व रोजी रोटी कमाने के लिए सभी आंध्र प्रदेश गए थे. वहां अक्कीरेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में सभी काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. मजदूर मनोज का एक पुत्री है जबकि अवधेश का एक पुत्र और दो छोटी-छोटी पुत्रियांहैं. हादसे के बाद परिवार पर दुःखों  का पहाड़ टूट पड़ा. पत्नी और बच्चों के चीत्कार से पुरे गांव का माहौल गमगीन है. आस-पास के घरों में चूल्हे नहीं जले. ग्रामीण बच्चों और परिवार के सदस्य को ढाढ़स बधा रहें हैं.

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में रोजगार मिलने के कारण पलायन नहीं होने की बात लगातार करते हैं. मगर इस घटना के बाद पता चलता है कि मजदूर दो जून की रोजी रोटी के लिए किस तरह दूसरे प्रदेश में जाने को विवश हो रहे हैं. वो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले और उनके प्रखंड के लोग. इधर, नालंदा के जिलाधिकारी शंशांक शुभंकर ने कहा कि मरने वालों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल किया जा रहा है. जल्द ही बॉडी गांव लाया जाएगा. परिवार को हर संभव सहायता के लिए संबधित अधिकारी को भेजा गया है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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