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नालंदा : चुनावी जंग हारने के बाद आरसीपी सिंह ने फिर किया नीतीश कुमार पर जुबानी हमला, कहा अपने सम्मान की बात ना बनाए शराबबंदी का मुद्दा

नालंदा से बड़ी खबर है, जहां कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कुढ़नी चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार के हार के बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार पर जुबानी हमला किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने पैतृक आवास अस्थावां प्रखंड के मुस्तफापुर गांव में प्रेस वार्ता का आयोजन कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए. वहीं गुजरात चुनाव में भाजपा के ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री को बधाई भी दिया.

आरसीपी सिंह ने कहा कि यह राष्ट्र के लिए गौरव की बात है कि जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका भारत को मिला है. इस आयोजन में आने वाले समय में भुखमरी की समस्या को कैसे कम किया जाए, पर्यावरण कैसे अच्छा हो और जो देश पीछे रह गया है उसे कैसे आगे बढ़ाया जाए. इन सारी बातों पर चर्चा की जाएगी. भारत आज दुनिया में पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है.

उन्होंने कहा कि गुजरात में 27 वर्षों के शासनकाल में भाजपा ने 182 में 156 सीटें जीत कर रिकॉर्ड स्थापित किया हैं. वहीं बिहार के कुढ़नी में हुए उपचुनाव में ललन सिंह के टेबल वाली राजनीति, शराबबंदी और घटिया बालू नीति के कारण वहां की जनता ने जदयू को नकार दिया. सात पार्टियों ने मिलकर वहां चुनाव लड़ा था, इसके अलावे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अपने ही समाज के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया. आरसीपी सिंह ने शराबबंदी और घटिया बालू नीति को लेकर कहा कि बिहार में हर दिन 55 से 60 करोड़ का नुकसान हो रहा है। शराबबंदी के नाम पर सरकार गरीब गुरबा परिवार को जेल में डाल रही है। 2005 में जब सरकार आई थी तो बालू डेढ़ सौ से 200 रुपये ट्रॉली थी और आज 8000 ट्रॉली हो गई है. सरकार जनता की मूलभूत समस्याओं पर फोकस ना करके शराबबंदी और बालू बंदी करने में लगी हुई. बिहार में शराबबंदी के कारण माफियाओं को सामान्य आमदनी खड़ा हो गई है. आज सबसे ज्यादा मोटरसाइकिल की चोरी बिहार में हो रही है. जिसका इस्तेमाल शराब की अवैध रूप से ढुलाई में किया जा रहा है. नीतीश कुमार अपने गांव में पता कर लें उनके गांव में भी शराब मिल रही है. उन्होंने कहा कि दो दिन बाद जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. जिसमें पार्टी सात राज्य में चुनाव कैसे लड़े, इस पर विचार करेगी. दिल्ली के एमसीडी चुनाव में जदयू ने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. जिन्हें 500 से कम वोट मिला है. आज बिहार के कई जिलों में जदयू के एक विधायक भी नहीं और जदयू अन्य राज्यों में सरकार बनाने को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है. पहले नीतीश कुमार को अपने बिहार में अपनी स्थिति देखनी चाहिए. इसके बाद प्रधानमंत्री का सपना देखना चाहिए. आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में जदयू एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाएगी. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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