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नालंदा : पुलपर अक्षरधाम मंदिर में नरेंद्र मोदी के साथ शेर पर सवार भक्तों को दर्शन दें रही मां बड़ी दुर्गा महारानी

नालंदा में शहर के पुलपर चौराहे के पास इस बार पूजा पंडाल को हू-ब-हू दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर का आकार दिया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री की प्रतिमा लोगों के लिए खास है. रात की चकाचौंध रोशनी में इसकी आकर्षकता देख मां के भक्तों की आंखें फटी की फटी रह जा रही है.

बंगला आर्ट में शेर पर सवार मां बड़ी दुर्गा महारानी के दर्शन-पूजन कर भक्त गदगद हो रहे हैं. हर बार की तरह इस बार भी वीर बाल संघ के लोग कुछ खास करने का प्रयास किया है. बंगाल के प्रभात घोष मां की प्रतिमा के साथ यहां खास यह है कि मां शेर पर तो उनके बगल में गजराज पर भोले शंकर और श्रीगणेश विराजमान हैं. बाज पंक्षी महिषासुर को चोंच भरकर उड़ता नजर आ रहा है. प्रतिमा को बनाने के लिए हाजीपुर से गंगा नदी की मिट्टी लायी गयी थी.

पंडाल को बनाने में करीब सात सौ बांस का इस्तेमाल किया गया है. बंगाल के कारीगर प्रलय मुखर्जी अपने दस साथियों के साथ पंडाल को अक्षरधाम मंदिर का स्वरुप दिया है. वे बताते हैं कि प्लाइवूड व थर्मोकोल की कारीगरी हर किसी को अचंभित कर देगा. रात की सतरंगी रौशनी में तो इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. यहां आने लोगों को अलग अहसास हो रहा है.

हलवा का प्रसाद है प्रसिद्ध :

पुलपर की बड़ी दुर्गा महारानी के दर पर हर साल शारदीय नवरात्र में शहर उमड़ पड़ता है. आम हो या खास सभी लोग यहां पूजन करने जरूर पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता रानी अपने भक्तों को कभी खाली हाथ नहीं लौटातीं. अष्टमी के दिन मां को 56 भोग लगायी जाती है और श्रद्धालुओं के बीच हलव का प्रसार बांटा जाता है. यही वजह है कि दशहरा मेला के दौरान यहां मां भक्तों की काफी भीड़ जुटती है.

265 साल से स्थापित हो रही प्रतिमा :

पुलपर में शारदीय नवरात्र के मौके पर कब से मां की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. इसकी शुरुआत किसने की, यह कोई नहीं जानता. कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष कंचन कुमार, कोषाध्यक्ष संजय कुमार, संयोजक टुन्नू यादव उर्फ देवानंद का कहना है कि पूर्वजों के अनुसार करीब 265 साल से यहां मां की आराधना हो रही है. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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