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नालंदा : जयंती पर याद किए गए किसानों के नेता गुरुसहाय लाल, डीएम ने किया श्रद्धासुमन अर्पित

नालंदा में मंगलवार को महान स्वतंत्रता सेनानी व किसानों के नेता गुरु सहाय लाल की 131 वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी. इस मौके पर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह समेत कई अधिकारियों और बुद्धिजीवियों ने अम्बेर चौक स्थित उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि गुरु सहाय लाल परतंत्र भारत के महान सामाजिक कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि किसानों के मुक्तिदाता और एक महान समाजसेवी थे. गुरु सहाय लाल का जन्म 11 अगस्त को नालंदा जिले के गिरियक प्रखंड के वादी गांव में हुआ था. वर्ष 1924 में बिहार-उड़ीसा राज्य के विधान परिषद के लिए पूरे पटना के बाहरी निर्वाचन क्षेत्र से इन्हें सदस्य के रूप में चुना गया था. वर्ष 1937 में बिहार में पहली बार देसी सरकार की स्थापना मोहम्मद यूनिस के नेतृत्व में हुई थी. इस मंत्रिमंडल में गुरु सहाय लाल जी को राजस्व एवं विकास मंत्री बनाया गया था. मंत्री बनने के बाद उन्होंने दफा 12 के तहत संशोधन कर पार्लियामेंट दिल्ली से पारित करवाकर खेती करने वाले छोटे किसानों को जमींदार के शोषण और जुल्म से मुक्ति दिलाया था.

वहीं ग्रामीण बच्चों को आधुनिक शिक्षा दिलाने के लिए उन्होंने वर्ष 1939 में टेक नारायण उच्च विद्यालय की स्थापना की थी. इसके अलावा भी वे कई तरह के जन सरोकार कार्य किए थे. जिसके कारण जिले में उनकी एक अलग पहचान थी. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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