नालंदा : वर्चुअल कोर्ट के विरोध में वकीलों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल, जिला जज पर लगाया मनमानी का आरोप
नालंदा में शुक्रवार को वर्चुअल कोर्ट के खिलाफ वकीलों ने अनिश्चतकालीन हड़ताल कर दिया. वहीं वकीलों ने जिला जज के ऊपर मनमानी करने और वकीलों के साथ अमर्यादित बर्ताव करने का आरोप भी लगाया.
बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर आज से सभी कोर्ट को वर्चुअल मोड में चालू करने का निर्देश दिया गया है. इसी के आलोक में बिहारशरीफ कोर्ट को भी वर्चुअल मोड में शुरू किया गया, जिसको लेकर न्यायालय के दोनों गेट को बंद कर दिया गया. ताकि अनधिकृत लोगों की भीड़ कोर्ट परिसर में नहीं आ सके. जिला जज के निर्देश पर जब सुरक्षा बलों ने अधिवक्ताओं और आम लोगों को जाने से रोका तो अधिवक्ताओं ने इसका विरोध जताते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.
वहीं जिला जज डॉक्टर रमेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए माननीय हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट को वर्चुअल मोड में शुरू कराया किया गया है, इसको लेकर आज अधिवक्ताओं और अधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई थी. लेकिन इसी बीच कल रात में उच्च न्यायालय से आये निर्देश के अनुसार आज से कोर्ट को वर्चुअल कर दिया गया. उन्होंने कहा कि हमलोग माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर रहे हैं. वर्चुअल मोड न्यायिक कार्य अगले आदेश तक जारी रहेगा. जबकि अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि बिना किसी पूर्व की सूचना के कोर्ट को वर्चुअल मोड में शुरू किया गया था, अधिवक्ताओं और उनकी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया. इसको लेकर जब हम लोग जिला जज से मिलने गए तो उन्होंने हम लोगों के साथ अमर्यादित ढंग से बर्ताव करते हुए जाने को कहा. इसके विरोध में हम लोग भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जब तक जिला जज अधिवक्ताओं से माफी नहीं मांगेंगे है तब तक हम लोग कोर्ट परिसर में कदम नहीं रखेंगे. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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