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नालंदा : बालू खनन मामले में निलंबित डीएसपी पंकज रावत के पैतृक घर हिलसा समेत कई ठिकानों पर ईओयू का छापा

नालंदा में शनिवार को बालू खनन मामले में निबंलित डीएसपी पंकज कुमार रावत के हिलसा स्थित घर और परिवार के सदस्यों के घर की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम द्वारा तलाशी ली गयी.

बता दें कि टीम पहले मियांबिगहा मोहल्ला के घर पर गयी. वहां परिवार वालों से पूछताछ के बाद उनके सौतेले भाई अवधेश रावत को लेकर शहर के दारोगाकुआं मोहल्ला स्थित घर पर पहुंची. लोगों से बारी-बारी से पूछताछ की. टीम में शामिल अधिकारी डीएन पासवान ने बताया कि बालू प्रकरण में डीएसपी पंकज कुमार रावत निलंबित हैं. निलंबन से पहले आरा सदर में एसडीपीओ थे. उनके विरुद्ध ईओयू में आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया गया है. इसी मामले में कोर्ट के आदेश पर साक्ष्य के लिए तलाशी ली जा रही है.

टीम ने दावा के साथ कहा कि उनके पास आय से अधिक सम्पत्ति है. नाम नहीं छापने की शर्त्त पर टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बालू प्रकरण की जांच के दौरान ही पंकज कुमार रावत की भी जन्मकुंडली खंगाली गयी थी. उनके पदस्थापन वाली सभी जगहों के लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाये गये. इस दौरान कई रिश्तेदारों और ईष्ट मित्रों के नाम भी सामने आए हैं, जो पंकज रावत के साथ रहकर लेन-देन करते थे. जांच के दौरान भले ही हिलसा में कुछ हाथ नहीं लगा, लेकिन आने वाले दिनों में निश्चित कुछ साक्ष्य मिलेंगे. अधिकारियों का दावा है कि पटना के सगुना मोड़ स्थित शताब्दी मॉल में दो दुकान, पाटलिपुत्रा में मकान के अलावा फरीदाबाद में सम्पत्ति संबंधी साक्ष्य मिल चुके हैं.

गौरतलब है कि बालू प्रकरण में निलंबित होने के बाद डीएसपी पंकज कुमार रावत अचानक चर्चा में आ गए. वे मूलत: हिलसा प्रखंड के मियांबिगहा गांव निवासी राजेन्द्र रावत के पुत्र हैं. निलंबित होने से पहले हिलसा के गिने-चुने लोगों को ही उनके बारे में कुछ जानकारी थी. रेलवे में इंजीनियर के पद से रिटायर हुए राजेन्द्र रावत के पुत्र डीएसपी पंकज रावत कभी-कभार हिलसा भी आते थे. हिलसा में अल्प प्रवास के दौरान नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा गहरे मित्रों से ही मुलाकात और बात करते थे. शहर के दो फीसदी लोग भी उन्हें नहीं पहचानते हैं. इसकी मुख्य वजह सामाजिक लोगों से दूरी बनाए रखना बताया जाता है.

क्या था मामला :

मूलतः हिलसा शहर के मियांबिगहा निवासी पंकज कुमार रावत आरा जिले में सदर एडसीपीओ के पद पर कार्यरत थे. इसी दौरान सरकार के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम पूरे बिहार में बालू के अवैध कारोबार में शामिल लोगों के अलावा सफेदपोशों के बारे में गहराई से जांच कर रही थी. जांच के दौरान बालू के अवैध कारोबार में दो एसपी समेत 43 अधिकारियों की संलिप्तता सामने आयी. संलिप्त अधिकारियों को सरकार ने निलंबित कर दिया. संलिप्त पाए गए अफसरों में डीएसपी पंकज कुमार रावत भी शामिल थे. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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