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नालंदा : प्रवासी मजूदरों को लेकर पहली ट्रेन पहुंची बिहारशरीफ, घर वापसी पर खुशी से खिले सबके चेहरे

नालंदा में शुक्रवार की शाम को कोयम्बटूर से करीब एक हजार प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिहारशरीफ पहुंची. अपने गृह जिले में पहुंचे सभी मजदूरों के चेहरे ट्रेन से उतरते ही खिल उठे.

बता दें कि सबसे पहले सोशल डिस्टेसिंग पर सभी मजूदरों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज किया गया. थर्मल स्क्रीनिंग में नॉर्मल लोगों को वाहन कोषांग द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों के द्वारा उनके विभिन्न जिले और प्रखंडों में भेजा गया. जहां उन्हें 21 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा.

इस मौके पर नालन्दा के डीएम योगेंद्र सिंह, एसपी नीलेश कुमार समेत अन्य पदाधिकारी स्वयं स्टेशन पर पहुंच कर सारे कार्यो की मॉनिटरिंग करते नजर आए. वहीं घर पहुंचे मजदूरों ने ट्रेन में सही से खाना नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में वे लोग वर्षो से रहकर मेहनत मजूदरी करते थे. लॉकडाउन के कारण कंपनी बंद है, पिछले 50 दिनों से फंसे रहने के कारण खाने के लाले पड़ गए थे. हमे अपने घर आकर बहुत अच्छा लग रहा है, यहाँ रहेगें तो कुछ न कुछ करके खा लेगें.

वहीं डीएम ने बताया कि दो दिनों तक लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर बिहारशरीफ आयेगें। आज भी करीब एक हजार मजदूर स्पेशल ट्रेन से यहां पहुंचे हैं. जिनके स्क्रीनिंग के लिए 23 काउंटर बनाए गए हैं. इसके अलावा वाहन कोषांग की मदद बसों की व्यवस्था की गयी है. स्क्रीनिंग करने के बाद सभी मजूदरों को नास्ता और भोजन का पैकेट देकर उन्हें उनके प्रखंडों में भेजा गया है. जिसके बाद उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में 21 दिनों के लिए रखा जाएगा. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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